थोड़े समय के बाद आकाश काले मेघों से ढक गया। तेज हवायें चलने लगीं और घनघोर वर्षा होने लगी। अहाब अपने रथ में बैठा और यिज्रेल को वापस यात्रा करनी आरम्भ की।
सभोपदेशक 11:3 - पवित्र बाइबल कुछ बातें ऐसी हैं जिनके बारे में तुम निश्चित हो सकते हो। जैसे बादल वर्षा से भरे हैं तो वे धरती पर पानी बरसाएंगे ही। यदि कोई पेड़ गिरता है चाहे दाहिनी तरफ गिरे, या बायीं तरफगिरता है। वह वहीं पड़ा रहेगा जहाँ वह गिरा है। Hindi Holy Bible यदि बादल जल भरे हैं, तब उसको भूमि पर उण्डेल देते हैं; और वृक्ष चाहे दक्खिन की ओर गिरे या उत्तर की ओर, तौभी जिस स्थान पर वृक्ष गिरेगा, वहीं पड़ा रहेगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि बादल जल से भरे हैं, तो वे स्वत: भूमि पर बरसेंगे। चाहे वृक्ष दक्षिण की ओर गिरे, चाहे वह उत्तर की ओर गिरे, वह जिस स्थान पर गिरा है, वह वहीं पड़ा रहेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि बादल जल भरे हैं, तब उसको भूमि पर उण्डेल देते हैं; और वृक्ष चाहे दक्षिण की ओर गिरे या उत्तर की ओर, तौभी जिस स्थान पर वृक्ष गिरेगा, वहीं पड़ा रहेगा। नवीन हिंदी बाइबल यदि बादल पानी से भरे हैं, तो वे पृथ्वी पर बरसते हैं। वृक्ष चाहे दक्षिण की ओर गिरे या उत्तर की ओर, वह जहाँ गिरता है वहीं पड़ा रहता है। सरल हिन्दी बाइबल अगर बादल पानी से भरे होते हैं, तो वे धरती पर जल बरसाते हैं. और पेड़ चाहे दक्षिण की ओर गिरे या उत्तर की ओर, यह उसी जगह पर पड़ा रहता है जहां यह गिरता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि बादल जलभरे हैं, तब उसको भूमि पर उण्डेल देते हैं; और वृक्ष चाहे दक्षिण की ओर गिरे या उत्तर की ओर, तो भी जिस स्थान पर वृक्ष गिरेगा, वहीं पड़ा रहेगा। |
थोड़े समय के बाद आकाश काले मेघों से ढक गया। तेज हवायें चलने लगीं और घनघोर वर्षा होने लगी। अहाब अपने रथ में बैठा और यिज्रेल को वापस यात्रा करनी आरम्भ की।
जो कुछ तुम्हारे पास है उसका कुछ भाग सात आठ लोगों को दे दो। तुम जान ही नहीं सकते कि इस धरती पर कब क्या बुरा घट जाए?
किन्तु कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनके बारे में तुम निश्चित नहीं हो सकते। फिर भी तुम्हें एक अवसर तो लेना ही चाहिये। जैसे यदि कोई व्यक्ति पूरी तरह से उत्तम मौसम का इंतजार करता रहता है तो वह अपने बीज बो ही नहीं सकता है और इसी तरह कोई व्यक्ति इस बात से डरता रहता है कि हर बादल बरसेगा ही तो वह अपनी फसल कभी नहीं काट सकेगा।
पेड़ों की जड़ों पर कुल्हाड़ा रखा जा चुका है। और हर वह पेड़ जो उत्तम फल नहीं देता काट गिराया जायेगा और फिर उसे आग में झोंक दिया जायेगा।
इस पर उसने माली से कहा, ‘अब देख मैं तीन साल से अंजीर के इस पेड़ पर फल ढूँढ़ता आ रहा हूँ किन्तु मुझे एक भी फल नहीं मिला। सो इसे काट डाल। यह धरती को यूँ ही व्यर्थ क्यों करता रहे?’
सो जिसके पास भौतिक वैभव है, और जो अपने भाई को अभावग्रस्त देखकर भी उस पर दया नहीं करता, उसमें परमेश्वर का प्रेम है-यह कैसे कहा जा सकता है?