किन्तु अय्यूब, तुम ये बातें नहीं जानते। तुम बस इतना जानते है कि तुमको पसीना आता है और तेरे वस्त्र तुझ से चिपके रहते हैं, और सब कुछ शान्त व स्थिर रहता है, जब दक्षिण से गर्म हवा आती है।
सभोपदेशक 1:6 - पवित्र बाइबल वायु दक्षिण दिशा की ओर बहती है और वायु उत्तर की ओर बहने लगती है। वायु एक चक्र में घूमती रहती है और फिर वायु जहाँ से चली थी वापस वहीं बहने लगती है। Hindi Holy Bible वायु दक्खिन की ओर बहती है, और उत्तर की ओर घूमती जाती है; वह घूमती और बहती रहती है, और अपने चक्करों में लौट आती है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पवन दक्षिण दिशा की ओर बहता है, और घूम कर उत्तर में आ जाता है, और यों वह निरन्तर अपनी परिधि में चक्कर लगाता है, पवन अपनी परिधि की परिक्रमा करता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वायु दक्षिण की ओर बहती है, और उत्तर की ओर घूमती जाती है; वह घूमती और बहती रहती है, और अपनी परिधि में लौट आती है। नवीन हिंदी बाइबल वायु दक्षिण की ओर बहती है, और उत्तर की ओर घूम जाती है; वह घूमती हुई आगे बढ़ती है, और फिर अपने चक्र में लौट आती है। सरल हिन्दी बाइबल दक्षिण की ओर बहती हुई हवा उत्तर दिशा में मुड़कर निरंतर घूमते हुए अपने घेरे में लौट आती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वायु दक्षिण की ओर बहती है, और उत्तर की ओर घूमती जाती है; वह घूमती और बहती रहती है, और अपनी परिधि में लौट आती है। |
किन्तु अय्यूब, तुम ये बातें नहीं जानते। तुम बस इतना जानते है कि तुमको पसीना आता है और तेरे वस्त्र तुझ से चिपके रहते हैं, और सब कुछ शान्त व स्थिर रहता है, जब दक्षिण से गर्म हवा आती है।
सभी नदियाँ एक ही स्थान की ओर बार—बार बहा करती है। वे सभी समुद्र से आ मिलती हैं, किन्तु फिर भी समुद्र कभी नहीं भरता।
हवा का रूख कहाँ होगा तुम नहीं जान सकते। तुम नहीं जानते कि माँ के गर्भ में बच्चा प्राण कैसे पाता है? इसी प्रकार तुम यह भी नहीं जान सकते कि परमेश्वर क्या करेगा? सब कुछ को घटित करने वाला तो वही है।
किन्तु यहोवा ने सागर में एक भयानक तूफान उठा दिया। आँधी से सागर में थपेड़े उठने लगे। तूफान इतना प्रबल था कि वह नाव जैसे बस टूक टूक होने जा रही थी।
“इसलिये जो कोई भी मेरे इन शब्दों को सुनता है और इन पर चलता है उसकी तुलना उस बुद्धिमान मनुष्य से होगी जिसने अपना मकान चट्टान पर बनाया,
वर्षा हुई, बाढ़ आयी, आँधियाँ चलीं और उस मकान से टकराईं, जिससे वह मकान पूरी तरह ढह गया।”
हवा जिधर चाहती है, उधर बहती है। तुम उसकी आवाज़ सुन सकते हो। किन्तु तुम यह नहीं जान सकते कि वह कहाँ से आ रही है, और कहाँ को जा रही है। आत्मा से जन्मा हुआ हर व्यक्ति भी ऐसा ही है।”