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लैव्यव्यवस्था 5:11 - पवित्र बाइबल

“यदि कोई व्यक्ति दो फाख्ता या दो कबूतर भेंट चढ़ाने में असमर्थ हो तो उसे एपा का दसवाँ भाग महीन आटा लाना चाहिए। यह उसकी दोषबलि होगी। उस व्यक्ति को आटे पर तेल नहीं डालना चाहिए। उसे इस पर लोबान नहीं रखना चाहिए क्यों यह दोषबलि है।

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Hindi Holy Bible

और यदि वह दो पंडुकी वा कबूतरी के दो बच्चे भी न दे सके, तो वह अपने पाप के कारण अपना चढ़ावा एपा का दसवां भाग मैदा पापबलि करके ले आए; उसपर न तो वह तेल डाले, और न लोबान रखे, क्योंकि वह पापबलि होगा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

‘यदि वह दो पण्‍डुक या कबूतर के दो बच्‍चे चढ़ाने में असमर्थ है तो, जो पाप उसने किया है, उसके कारण वह प्रभु के सम्‍मुख अपनी पाप-बलि के रूप में एक किलो मैदा लाएगा। वह उस पर तेल नहीं डालेगा। वह उस पर लोबान भी नहीं रखेगा; क्‍योंकि यह पाप-बलि है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

“पर यदि वह दो पण्डुक या कबूतरी के दो बच्‍चे भी न दे सके, तो वह अपने पाप के कारण अपना चढ़ावा एपा का दसवाँ भाग मैदा पापबलि करके ले आए; उस पर न तो वह तेल डाले, और न लोबान रखे, क्योंकि वह पापबलि होगा।

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नवीन हिंदी बाइबल

“पर यदि वह दो पंडुक या कबूतर के दो बच्‍चे चढ़ाने में भी असमर्थ हो, तो वह अपने पाप के कारण भेंट के लिए एपा का दसवाँ भाग मैदा पापबलि के रूप में ले आए। वह इस पर न तो तेल डाले और न लोबान रखे, क्योंकि यह पापबलि है।

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सरल हिन्दी बाइबल

“ ‘किंतु यदि उसके लिए दो कपोत अथवा दो कबूतर के बच्‍चे भी भेंट करने के लिए पर्याप्‍त साधन नहीं हैं, तो जो पाप उसने किया है, उसकी बलि के लिए वह डेढ़ किलो महीन आटा पापबलि के लिए लेकर आए. किंतु इस पर तेल न लगाए और न ही इस पर लोबान रखे, क्योंकि यह एक पापबलि है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

“यदि वह दो पिण्डुक या कबूतरी के दो बच्चे भी न दे सके, तो वह अपने पाप के कारण अपना चढ़ावा एपा का दसवाँ भाग मैदा पापबलि करके ले आए; उस पर न तो वह तेल डाले, और न लोबान रखे, क्योंकि वह पापबलि होगा (लूका 2:24)

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लैव्यव्यवस्था 5:11
23 क्रॉस रेफरेंस  

उन लोगों ने अपने परिवार के हर एक व्यक्ति को भोजन दिया। जब भोजन नापा गया तो हर एक व्यक्ति के लिए सदा पर्याप्त रहा, किन्तु कभी भी आवश्यकता से अधिक नहीं हुआ। हर व्यक्ति ने ठीक अपने लिए तथा अपने परिवार के खाने के लिए पर्याप्त इकट्ठा किया।


(वे मन्ना के लिए जिस तोल का उपयोग करते थे, वह ओमेर था। एक ओमेर लगभग आठ प्यालों के बराबर था।)


“यदि कोई व्यक्ति यहोवा को पक्षी की होमबलि चढ़ाए तो यह पक्षी फाख्ता या नया कबूतर होना चाहिए।


“किन्तु यदि व्यक्ति गरीब है और उन बलियों को देने में असमर्थ है तो उसे एक मेमना दोषबलि के रूप में लेना चाहिए। यह उत्तोलनबलि होगी जिससे याजक उसके पापों के भुगतान के लिए देगा। उसे दो क्वार्ट तेल मिला उत्तम महीन आटा लेना चाहिए। यह आटा अन्नबलि के रूप में उपयोग में आएगा। व्यक्ति को दो तिहाई पिन्ट जैतून का तेल


“यदि व्यक्ति इतना गरीबत है कि मूल्य देने में असमर्थ है तो उस व्यक्ति को याजक के सामने लाओ। याजक यह निश्चित करेगा कि वह व्यक्ति कितना मूल्य भुगतान में दे सकता है।


व्यक्ति को आटा याजक के पास लाना चाहिए। याजक इसमें से मुट्ठी भर आटा निकालेगा। यह स्मृति भेंट होगी। याजक यहोवा को आग द्वारा दी गई भेंट पर वेदी के ऊपर आटे को जलाएगा। यह दोषबलि है।


उसे परमेश्वर को अपने किए हुए पाप के लिए दोषबलि लानी चाहिए। उसे दोषबलि के रूप में अपनी रेवड़ से एक मादा जानवर लाना चाहिए। यह मेमना या बकरी हो सकता है। तब याजक वह कार्य करेगा जिससे उस व्यक्ति के पाप का भुगतान होगा।


तब याजक को दोषबलि के खून को वेदी के सिरों पर डालना चाहिए। तब याजक को बचा हुआ खून वेदी की नींव पर डालना चाहिए। यह दोषबलि है।


“हारून तथा उसेके पुत्रों को जो बलि यहोवा को लानी चाहिए, वह यह है। उन्हें यह उस दिन करना चाहिए जिस दिन हारून का अभिषेक हुआ है। उन्हें सदा दो क्वार्ट उत्तम महीन आटा अन्नबलि के लिए लेना चाहिए। उन्हें इसका आधा प्रातः काल तथा आधा सन्ध्या काल में लाना चाहिए।


यदि ऐसा होता है तो वह अपनी पत्नी को याजक के पास ले जाए। पति एक भेंट भी ले जाएगा। यह भेंट 1/10 एपा जौं का आटा होगा। यह उसे जौं के आटे पर तेल या सुगन्धित नहीं डालनी चाहिये। यह जौं का आटा यहोवा को अन्नबलि है। यह इसलिए दिया जाता कि पति ईर्ष्यालु है। यह भेंट यही संकेत करेगी कि उसे विस्वास है कि उसकी पत्नी पतिव्रता नहीं है।


और प्रभु की व्यवस्था कहती है, “एक जोड़ी कपोत या कबूतर के दो बच्चे बलि चढ़ाने चाहिए।” सो वे व्यवस्था के अनुसार बलि चढ़ाने ले गये।


जो पाप रहित है, उसे उसने इसलिए पाप-बली बनाया कि हम उसके द्वारा परमेश्वर के सामने नेक ठहराये जायें।


वास्तव में व्यवस्था चाहती है कि प्रायः हर वस्तु को लहू से शुद्ध किया जाए। और बिना लहू बहाये क्षमा है ही नहीं।