और राजा यारोबाम ने एक नया पर्व आरम्भ किया। यह पर्व यहूदा के “फसहपर्व” की तरह था। किन्तु यह पर्व आठवें महीने के पन्द्रहवें दिन था—पहले महीने के पन्द्रहवें दिन नहीं। उस समय राजा बेतेल नगर की वेदी पर बलि भेंट करता था और वह बलि उन बछड़ों को भेंट करता था जिन्हें उसने बनवाया था। राजा यारोबाम ने बेतेल में उन उच्चस्थानों के लिये याजक भी चुने, जिन्हें उसने बनाया था।
शासक को यही काम उत्सव (शरण) के सात दिन तक करना चाहिए। यह उत्सव सातवें महीने के पन्द्रहवें दिन आरम्भ होता है। ये भेंटे पापबलि, होमबलि, अन्नबलियाँ और तेल—भेंट होंगी।”
यह तुम्हारे लिए आराम का विशेष, दिन होगा। तुम्हें भोजन नहीं करना चाहिए। तुम आराम के इस विशेष दिन को महीने के नवें दिन की सन्ध्या से आरम्भ करोगे। यह आराम का विशेष दिन उस सन्ध्या से आरम्भ करके अगली सन्धया तक रहता है।”