मन्दिर का नियम यह है: पर्वत की चोटी पर सारा क्षेत्र सर्वाधिक पवित्र है। यह मन्दिर का नियम है।
लैव्यव्यवस्था 15:32 - पवित्र बाइबल ये नियम धात त्याग करने वाले लोगों के लिए हैं। ये नियम उन व्यक्तियों के लिए हैं जो वीर्य के शरीर से बाहर निकलने से अशुद्ध होते हैं Hindi Holy Bible जिसके प्रमेह हो और जो पुरूष वीर्य्य स्खलित होने से अशुद्ध हो; पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) स्रावग्रस्त व्यक्ति, अथवा वीर्यपात के कारण अशुद्ध होने वाले व्यक्ति, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जिसके प्रमेह हो और जो पुरुष वीर्य स्खलित होने से अशुद्ध हो; नवीन हिंदी बाइबल जिस पुरुष के स्राव हो और जो वीर्यपात होने से अशुद्ध हो; सरल हिन्दी बाइबल यह विधि उस व्यक्ति के लिए है, जिसका स्राव हो रहा है और जिस व्यक्ति का वीर्य-उत्सर्जन हो गया है; जिससे वह अशुद्ध हो जाता है, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जिसके प्रमेह हो और जो पुरुष वीर्य स्खलित होने से अशुद्ध हो; |
मन्दिर का नियम यह है: पर्वत की चोटी पर सारा क्षेत्र सर्वाधिक पवित्र है। यह मन्दिर का नियम है।
वे नियम सभी मवेशियों, पक्षियों और धरती के अन्य जानवरों के लिए हैं। वे नियम समुद्र में रहने वाले सभी जानवरों और धरती पर रेंगने वाले सभी जानवरों के लिए हैं।
चमड़े या कपड़े पर की फफूँदी के विषय में ये नियम हैं। इसका कोई महत्व नहीं कि कपड़ा कढ़ा हुआ है या बुना हूआ है।
“ये उन लोगों के लिए नियम हैं जिन्हें भयानक चर्म रोग था और जो स्वास्थ हो गए। ये नियम उस व्यक्ति को शुद्ध बनाने के लिए है। “याजक को उस व्यक्ति को देखान चाहिए जिसे भयानक चर्म रोग है।
ये भयानक चर्मरोग के ठीक होने के बाद किसी एक व्यक्ति को शुद्ध करने का नियम हैं। ये नियम उन व्याक्ति यों के लिए हैं जो शुद्ध करने के नियम हैं। ये नियम उन व्यक्तियों के लिए हैं जो शुद्ध होने के लिए सामान्य बलियों का व्यय नहीं उठा सकते।
“यदि व्यक्ति का वीर्य निकल जाता है तो उसे सम्पूर्ण शरीर से बहते पानी में नहाना चाहिए। वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
“इसलिए तुम इस्राएल के लोगों को अशुद्ध होने और उनको अशुद्धि से दूर रहने के बारे में सावधान करना। यदि तुम लोगों को सावधान नहीं करते तो वे मेरे पवित्र तम्बू को अशुद्ध कर सकते हैं और तब उन्हें मरना होगा!”
और ये नियम उन स्त्रियों के लिए हैं जो अपने मासिकधर्म के रक्त स्राव के समय अशुद्ध होती है और वे नियम उन पुरुषों के लिए हैं जो अशुद्ध स्त्रियों के साथ सोने से अशुद्ध होते हैं।
“यह नियम उन लोगों से सम्बन्धित है जो अपने खेमों में मरते हैं। यदि कोई व्यक्ति खेमें में मरता है तो उस खेमे का हर एक व्यक्ति अशुद्ध हो जाएगा। वे सात दिन तक अशुद्ध रहेंगे
“इस प्रकार यह ईर्ष्या के विषय में नियम है। तुम्हें यही करना चाहिए यदि कोई विवाहित स्त्री अपने पति के विरूद्ध पाप करती है।