लूका 8:25 - पवित्र बाइबल
फिर उसने उनसे पूछा, “कहाँ गया तुम्हारा विश्वास?” किन्तु वे डरे हुए थे और अचरज में पड़ें थे। वे आपस में बोले, “आखिर यह है कौन जो हवा और पानी दोनों को आज्ञा देता है और वे उसे मानते हैं?”
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और उस ने उन से कहा; तुम्हारा विश्वास कहां था? पर वे डर गए, और अचम्भित होकर आपस में कहने लगे, यह कौन है जो आन्धी और पानी को भी आज्ञा देता है, और वे उस की मानते हैं॥
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तब उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, “तुम्हारा विश्वास कहाँ है?” उन पर भय छा गया और वे अचम्भे में पड़ कर आपस में कहने लगे, “न जाने यह कौन हैं? यह वायु और लहरों को भी आज्ञा देते हैं और वे इनकी आज्ञा मानती हैं।”
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तब उसने उनसे कहा, “तुम्हारा विश्वास कहाँ था?” पर वे डर गए और अचम्भित होकर आपस में कहने लगे, “यह कौन है जो आँधी और पानी को भी आज्ञा देता है, और वे उसकी मानते हैं?”
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उसने उनसे कहा,“तुम्हारा विश्वास कहाँ है?” पर शिष्य भयभीत और विस्मित होकर आपस में कहने लगे, “आखिर यह है कौन? यह आँधी और पानी को भी आज्ञा देता है, और वे इसकी आज्ञा मानते हैं!”
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“कहां है तुम्हारा विश्वास?” प्रभु येशु ने अपने शिष्यों से प्रश्न किया. भय और अचंभे में वे एक दूसरे से पूछने लगे, “कौन हैं यह, जो बवंडर और लहरों तक को आदेश देते हैं और वे भी उनके आदेशों का पालन करती हैं!”
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और उसने उनसे कहा, “तुम्हारा विश्वास कहाँ था?” पर वे डर गए, और अचम्भित होकर आपस में कहने लगे, “यह कौन है, जो आँधी और पानी को भी आज्ञा देता है, और वे उसकी मानते हैं?”
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