किन्तु लूत अपने घर चलने के लिए बार—बार कहता रहा। इस तरह स्वर्गदूत लूत के घर जाने के लिए तैयार हो गए। जब वे घर पहुँचे तो लूत उनके पीने के लिए कुछ लाया। लूत ने उनके लिए रोटियाँ बनाईं। लूत का पकाया भोजन स्वर्गदूतों ने खाया।
लूका 24:29 - पवित्र बाइबल किन्तु उन्होंने उससे बलपूर्वक आग्रह करते हूए कहा, “हमारे साथ रुक जा क्योंकि लगभग साँझ हो चुकी है और अब दिन ढल चुका है।” सो वह उनके साथ ठहरने भीतर आ गया। Hindi Holy Bible परन्तु उन्होंने यह कहकर उसे रोका, कि हमारे साथ रह; क्योंकि संध्या हो चली है और दिन अब बहुत ढल गया है। तब वह उन के साथ रहने के लिये भीतर गया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु शिष्यों ने यह कह कर उन से आग्रह किया, “हमारे साथ रह जाइए। संध्या हो रही है और अब दिन ढल चुका है।” वह उनके साथ ठहरने के लिए भीतर गये। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु उन्होंने यह कहकर उसे रोका, “हमारे साथ रह, क्योंकि संध्या हो चली है और दिन अब बहुत ढल गया है।” तब वह उनके साथ रहने के लिये भीतर गया। नवीन हिंदी बाइबल परंतु उन्होंने यह कहते हुए उसे विवश किया, “हमारे साथ ठहर जा, क्योंकि संध्या होने वाली है और अब दिन ढल गया है।” तब वह उनके साथ ठहरने के लिए भीतर गया। सरल हिन्दी बाइबल किंतु उन शिष्यों ने विनती की, “हमारे साथ ही ठहर जाइए क्योंकि दिन ढल चला है और शाम होने को है.” इसलिये प्रभु येशु उनके साथ भीतर चले गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु उन्होंने यह कहकर उसे रोका, “हमारे साथ रह; क्योंकि संध्या हो चली है और दिन अब बहुत ढल गया है।” तब वह उनके साथ रहने के लिये भीतर गया। |
किन्तु लूत अपने घर चलने के लिए बार—बार कहता रहा। इस तरह स्वर्गदूत लूत के घर जाने के लिए तैयार हो गए। जब वे घर पहुँचे तो लूत उनके पीने के लिए कुछ लाया। लूत ने उनके लिए रोटियाँ बनाईं। लूत का पकाया भोजन स्वर्गदूतों ने खाया।
एक दिन एलीशा शूनेम को गया। शूनेम में एक महत्वपूर्ण स्त्री रहती थी। इस स्त्री ने एलीशा से कहा कि वह ठहरे और उसके घर भोजन करे। इसलिये जब भी एलीशा उस स्थान से होकर जाता था तब भोजन करने के लिये वहाँ रूकता था।
फिर स्वामी ने सेवक से कहा, ‘सड़कों पर और खेतों की मेढ़ों तक जाओ और वहाँ से लोगों को आग्रह करके यहाँ बुला लाओ ताकि मेरा घर भर जाये।
वे जब उस गाँव के पास आये, जहाँ जा रहे थे, यीशु ने ऐसे बर्ताव किया, जैसे उसे आगे जाना हो।
जब उनके साथ वह खाने की मेज पर था तभी उसने रोटी उठाई और धन्यवाद किया। फिर उसे तोड़ कर जब वह उन्हें दे रहा था
वहीं लीदिया नाम की एक महिला थी। वह बैंजनी रंग के कपड़े बेचा करती थी। वह परमेश्वर की उपासक थी। वह बड़े ध्यान से हमारी बातें सुन रही थी। प्रभु ने उसके ह्रदय के द्वार खोल दिये थे ताकि, जो कुछ पौलुस कह रहा था, वह उन बातों पर ध्यान दे सके।