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लूका 22:4 - पवित्र बाइबल

वह प्रमुख याजकों और अधिकारियों के पास गया और उनसे यीशु को वह कैसे पकड़वा सकता है, इस बारे में बातचीत की।

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Hindi Holy Bible

उस ने जाकर महायाजकों और पहरूओं के सरदारों के साथ बातचीत की, कि उस को किस प्रकार उन के हाथ पकड़वाए।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

उसने महापुरोहितों और मन्‍दिर-आरक्षी के नायकों के पास जा कर उनके साथ यह परामर्श किया कि वह किस प्रकार येशु को उनके हाथ पकड़वा दे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

उसने जाकर प्रधान याजकों और पहरुओं के सरदारों के साथ बातचीत की कि उसको किस प्रकार उनके हाथ पकड़वाए।

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नवीन हिंदी बाइबल

उसने जाकर मुख्य याजकों और मंदिर के सुरक्षा अधिकारियों के साथ बातचीत की कि किस प्रकार यीशु को उनके हाथ पकड़वाए।

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सरल हिन्दी बाइबल

उसने प्रधान पुरोहितों तथा अधिकारियों से मिलकर निश्चित किया कि वह किस प्रकार प्रभु येशु को पकड़वा सकता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

उसने जाकर प्रधान याजकों और पहरुओं के सरदारों के साथ बातचीत की, कि उसको किस प्रकार उनके हाथ पकड़वाए।

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लूका 22:4
9 क्रॉस रेफरेंस  

अजर्याह हिलकिय्याह का पुत्र था। हिलकिय्याह मशुल्लाम का पुत्र था। मशुल्लाम सादोक का पुत्र था। सादोक मरायोत का पुत्र था। मरायोत अहीतूब परमेश्वर के मन्दिर के लिये विशेष उत्तरदायी अधिकारी था।


तथा सरायाह जो हिलकियाह का पुत्र था। (हिल्किय्याह सादोक के पुत्र मशुल्लाम का पुत्र था और सादोक अहीतूब के पुत्र मरायोत का पुत्र) अहीतूब परमेश्वर के भवन की देखभाल करने वाला था।


तब यहूदा इस्करियोती जो उसके बारह शिष्यों में से एक था, प्रधान याजकों के पास गया और उनसे बोला,


वे बहुत प्रसन्न हुए और इसके लिये उसे धन देने को सहमत हो गये।


फिर यीशु ने उस पर चढ़ाई करने आये प्रमुख याजकों, मन्दिर के अधिकारियों और बुजुर्ग यहूदी नेताओं से कहा, “क्या तुम तलवारें और लाठियाँ ले कर किसी डाकू का सामना करने निकले हो?


अभी पतरस और यूहन्ना लोगों से बात कर रहे थे कि याजक, मन्दिर के सिपाहियों का मुखिया और कुछ सदूकी उनके पास आये।


मन्दिर के रखवालों के मुखिया ने और महायाजकों ने जब ये शब्द सुने तो वे उनके बारे में चक्कर में पड़ गये और सोचने लगे, “अब क्या होगा।”


सो मन्दिर के सुरक्षा-कर्मियों का मुखिया अपने अधिकारियों के साथ वहाँ गया और प्रेरितों को बिना बल प्रयोग किये वापस ले आया क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं लोग उन्हें (मन्दिर के सुरक्षाकर्मियों को) पत्थर न मारें।