यदि किसी का ख़तना नहीं हुआ है और वह व्यवस्था के पवित्र नियमों पर चलता है तो क्या उसके ख़तना रहित होने को भी ख़तना न गिना जाये?
रोमियों 3:30 - पवित्र बाइबल क्योंकि परमेश्वर एक है। वही उनको जिनका उनके विश्वास के आधार पर ख़तना हुआ है, और उनको जिनका ख़तना नहीं हुआ है उसी विश्वास के द्वारा, धर्मी ठहरायेगा। Hindi Holy Bible क्योंकि एक ही परमेश्वर है, जो खतना वालों को विश्वास से और खतना रहितों को भी विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराएगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि केवल एक ही परमेश्वर है, जो खतना कराने वाले यहूदियों को उनके विश्वास के आधार पर धार्मिक ठहराएगा और उसी विश्वास द्वारा गैर-यहूदियों को भी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि एक ही परमेश्वर है, जो खतनावालों को विश्वास से और खतनारहितों को भी विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराएगा। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि एक ही परमेश्वर है जो ख़तनावालों को विश्वास से और ख़तनारहितों को भी विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराएगा। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि परमेश्वर एक हैं. वही ख़तना किए हुओं तथा ख़तना रहित दोनों को उनके विश्वास के द्वारा धर्मी घोषित करेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि एक ही परमेश्वर है, जो खतनावालों को विश्वास से और खतनारहितों को भी विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराएगा। |
यदि किसी का ख़तना नहीं हुआ है और वह व्यवस्था के पवित्र नियमों पर चलता है तो क्या उसके ख़तना रहित होने को भी ख़तना न गिना जाये?
वह मनुष्य जिसका शरीर से ख़तना नहीं हुआ है और जो व्यवस्था का पालन करता है, तुझे अपराधी ठहरायेगा। जिसके पास लिखित व्यवस्था का विधान है, और जिसका ख़तना भी हुआ है, और जो व्यवस्था को तोड़ता है,
सभी विश्वासियों के लिये यीशु मसीह में विश्वास के द्वारा परमेश्वर की धार्मिकता प्रकट की गयी है बिना किसी भेदभाव के।
कोई व्यक्ति व्यवस्था के कामों के अनुसार चल कर नहीं बल्कि विश्वास के द्वारा ही धर्मी बन सकता है।
इसलिए सिद्ध है कि परमेश्वर का वचन विश्वास का फल है और यह सेंतमेत में ही मिलता है। इस प्रकार उसका वचन इब्राहीम के सभी वंशजों के लिए सुनिश्चित है, न केवल उनके लिये जो व्यवस्था को मानते हैं बल्कि उन सब के लिये भी जो इब्राहीम के समान विश्वास रखते है। वह हम सब का पिता है।
तब क्या यह धन्यपन केवल उन्हीं के लिये है जिनका ख़तना हुआ है, या उनके लिए भी जिनका ख़तना नहीं हुआ। (हाँ, यह उन पर भी लागू होता है जिनका ख़तना नहीं हुआ) क्योंकि हमने कहा है इब्राहीम का विश्वास ही उसके लिये धार्मिकता गिना गया।
सो अब किसी में कोई अन्तर नहीं रहा न कोई यहूदी रहा, न ग़ैर यहूदी, न दास रहा, न स्वतन्त्र, न पुरुष रहा, न स्त्री, क्योंकि मसीह यीशु में तुम सब एक हो।
शास्त्र ने पहले ही बता दिया था, “परमेश्वर ग़ैर यहूदियों को भी उनके विश्वास के कारण धर्मी ठहरायेगा। और इन शब्दों के साथ पहले से ही इब्राहीम को परमेश्वर द्वारा सुसमाचार से अवगत करा दिया गया था।”
क्योंकि मसीह यीशु में स्थिति के लिये न तो ख़तना कराने का कोई महत्त्व है और न ख़तना नहीं कराने का बल्कि उसमें तो प्रेम से पैदा होने वाले विश्वास का ही महत्त्व है।
क्योंकि न तो ख़तने का कोई महत्त्व है और न बिना ख़तने का। यदि महत्त्व है तो वह नयी सृष्टि का है।
क्योंकि सच्चे ख़तना युक्त व्यक्ति तो हम है जो अपनी उपासना को परमेश्वर की आत्मा द्वारा अर्पित करते हैं। और मसीह यीशु पर गर्व रखते हैं तथा जो कुछ शारीरिक है, उस पर भरोसा नहीं करते हैं।
क्योंकि परमेश्वर एक ही है और मनुष्य तथा परमेश्वर के बीच में मध्यस्थ भी एक ही है। वह स्वयं एक मनुष्य है, मसीह यीशु।