यहोशापात डर गया और उसने यहोवा से यह पूछने का निश्चय किया कि मैं क्या करुँ उसने यहूदा में हर एक के लिये उपवास का समय घोषित किया।
योना 3:7 - पवित्र बाइबल राजा ने एक विशेष सन्देश लिखवाया और उस सन्देश की सारे नगर में घोषणा करवा दी: राजा और उसके बड़े शासकों की ओर से आदेश था: कुछ समय के लिये कोई भी पुरूष अथवा कोई भी पशु कुछ भी नहीं खायेगा। किसी रेवड़ या पशुओं के झुण्ड को चरागाहों में नहीं जाने दिया जायेगा। नीनवे के सजीव प्राणी न तो कुछ खायेंगे और न ही जल पीयेंगे। Hindi Holy Bible और राजा ने प्रधानों से सम्मति ले कर नीनवे में इस आज्ञा का ढींढोरा पिटवाया, कि क्या मनुष्य, क्या गाय-बैल, क्या भेड़-बकरी, या और पशु, कोई कुछ भी न खाएं; वे ने खांए और न पानी पीवें। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने समस्त नीनवे नगर में यह राजाज्ञा प्रचारित की: ‘राजा और मंत्री-मण्डल की ओर से यह आदेश है: मनुष्य और पशु, भेड़-बकरी और गाय-बैल अपने मुंह में अनाज का दाना भी नहीं रखेंगे। वे न भोजन करेंगे और न पानी पियेंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) राजा ने प्रधानों से सम्मति लेकर नीनवे में इस आज्ञा का ढिंढोरा पिटवाया : “क्या मनुष्य, क्या गाय–बैल, क्या भेड़–बकरी, या अन्य पशु, कोई कुछ भी न खाए; वे न खाएँ और न पानी पीएँ। सरल हिन्दी बाइबल उसने नीनवेह में यह घोषणा करवायी: “राजा और सामन्तों के फैसले के अनुसार: “कोई भी मनुष्य या पशु, गाय-बैल या भेड़-बकरी कुछ भी न खाय; उन्हें कुछ भी खाने या पीने न दिया जाय. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 राजा ने अपने प्रधानों से सम्मति लेकर नीनवे में इस आज्ञा का ढिंढोरा पिटवाया, “क्या मनुष्य, क्या गाय-बैल, क्या भेड़-बकरी, या और पशु, कोई कुछ भी न खाएँ; वे न खाएँ और न पानी पीएँ। |
यहोशापात डर गया और उसने यहोवा से यह पूछने का निश्चय किया कि मैं क्या करुँ उसने यहूदा में हर एक के लिये उपवास का समय घोषित किया।
वहाँ अहवा नदी के पास, मैंने (एज्रा) घोषणा की कि हमें उपवास रखना चाहिये। हमें अपने को परमेश्वर के सामने विनम्र बनाने के लिये उपवास रखना चाहिये। हम लोग परमेश्वर से अपने लिये, अपने बच्चों के लिये, और जो चीज़ें हमारी थीं, उनके साथ सुरक्षित यात्रा के लिये प्रार्थना करना चाहते थे।
हमारे पशु भूख से कराह रहे हैं। हमारे मवेशी खोये—खोये से इधर—उधर घूमते हैं। उनके पास खाने को घास नहीं हैं। भेड़ें मर रही हैं।
परमेश्वर की ओर से मिले इस सन्देश पर, नीनवे के लोगों ने विश्वास किया और उन लोगों ने कुछ समय के लिए खाना छोड़कर अपने पापों पर सोच—विचार करने का निर्णय लिया। लोगों ने अपना दु:ख व्यक्त करने के लिये विशेष प्रकार के वस्त्र धारण कर लिये। नगर के सभी लोगों ने चाहे वे बहुत बड़े या बहुत छोटे हो, ऐसा ही किया।