यहूदा के परिवार के व्यक्ति राजा होंगे। उसके परिवार का राज—चिन्ह उसके परिवार से वास्तविक शासक के आने से पहले समाप्त नहीं होगा। तब अनेकों लोग उसका आदेश मानेंगे और सेवा करेंगे।
यूहन्ना 4:41 - पवित्र बाइबल और उसके वचन से प्रभावित होकर बहुत से और लोग भी उसके विश्वासी हो गये। Hindi Holy Bible और उसके वचन के कारण और भी बहुतेरों ने विश्वास किया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) बहुत-से अन्य लोगों ने उनका उपदेश सुन कर उनमें विश्वास किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसके वचन के कारण और भी बहुत से लोगों ने विश्वास किया नवीन हिंदी बाइबल उसके वचन के कारण और भी बहुत से लोगों ने विश्वास किया। सरल हिन्दी बाइबल और उनका प्रवचन सुनकर अनेकों ने उनमें विश्वास किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसके वचन के कारण और भी बहुतों ने विश्वास किया। |
यहूदा के परिवार के व्यक्ति राजा होंगे। उसके परिवार का राज—चिन्ह उसके परिवार से वास्तविक शासक के आने से पहले समाप्त नहीं होगा। तब अनेकों लोग उसका आदेश मानेंगे और सेवा करेंगे।
जब सामरी उसके पास आये तो उन्होंने उससे उनके साथ ठहरने के लिए विनती की। इस पर वह दो दिन के लिए वहाँ ठहरा।
उन्होंने उस स्त्री से कहा, “अब हम केवल तुम्हारी साक्षी के कारण ही विश्वास नहीं रखते बल्कि अब हमने स्वयं उसे सुना है। और अब हम यह जान गये हैं कि वास्तव में यही वह व्यक्ति है जो जगत का उद्धारकर्ता है।”
आत्मा ही है जो जीवन देता है, देह का कोई उपयोग नहीं है। वचन, जो मैंने तुमसे कहे हैं, आत्मा है और वे ही जीवन देते हैं।
बल्कि जब पवित्र आत्मा तुम पर आयेगा, तुम्हें शक्ति प्राप्त हो जायेगी, और यरूशलेम में, समूचे यहूदिया और सामरिया में और धरती के छोरों तक तुम मेरे साक्षी बनोगे।”
वे कलीसिया के द्वारा भेजे जाकर फीनीके और सामरिया होते हुए सभी भाइयों को अधर्मियों के हृदय परिवर्तन का विस्तार के साथ समाचार सुनाकर उन्हें हर्षित कर रहे थे।
किन्तु उन्होंने जब फिलिप्पुस पर विश्वास किया क्योंकि उसने उन्हें परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार और यीशु मसीह का नाम सुनाया था, तो वे स्त्री और पुरुष दोनों ही बपतिस्मा लेने लगे।
फिर प्रेरित अपनी साक्षी देकर और प्रभु का वचन सुना कर रास्ते के बहुत से सामरी गाँवों में सुसमाचार का उपदेश करते हुए यरूशलेम लौट आये।
परमेश्वर की दृष्टि से इस समूची सृष्टि में कुछ भी ओझल नहीं है। उसकी आँखों के सामने, जिसे हमें लेखा-जोखा देना है, हर वस्तु बिना किसी आवरण के खुली हुई है।