वह अपनी आत्मा में बहुत सी पीड़ाएँ झेलेगा किन्तु वह घटने वाली अच्छी बातों को देखेगा। वह जिन बातों का ज्ञान प्राप्त करता है, उनसे संतुष्ट होगा। मेरा वह उत्तम सेवक बहुत से लोगों को उनके अपराधों से छुटकारा दिलाएगा। वह उनके पापों को अपने सिर ले लेगा।
यूहन्ना 15:11 - पवित्र बाइबल मैंने ये बातें तुमसे इसलिये कहीं हैं कि मेरा आनन्द तुम में रहे और तुम्हारा आनन्द परिपूर्ण हो जाये। यह मेरा आदेश है Hindi Holy Bible मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “मैंने तुम से यह इसलिए कहा है कि मेरा आनन्द तुम में हो और तुम्हारा आनन्द परिपूर्ण हो जाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। नवीन हिंदी बाइबल “मैंने ये बातें तुमसे इसलिए कही हैं कि मेरा आनंद तुममें हो और तुम्हारा आनंद पूरा हो जाए। सरल हिन्दी बाइबल यह सब मैंने तुमसे इसलिये कहा है कि तुममें मेरा आनंद बना रहे और तुम्हारा आनंद पूरा हो जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैंने ये बातें तुम से इसलिए कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। |
वह अपनी आत्मा में बहुत सी पीड़ाएँ झेलेगा किन्तु वह घटने वाली अच्छी बातों को देखेगा। वह जिन बातों का ज्ञान प्राप्त करता है, उनसे संतुष्ट होगा। मेरा वह उत्तम सेवक बहुत से लोगों को उनके अपराधों से छुटकारा दिलाएगा। वह उनके पापों को अपने सिर ले लेगा।
फिर तुम कभी ऐसे जन नहीं कहलाओगे, “परमेश्वर के त्यागे हुए लोग।” तुम्हारी धरती कभी ऐसी धरती नहीं कहलायेगी जिसे “परमेश्वर ने उजाड़ा।” तुम लोग “परमेश्वर के प्रिय जन” कहलाओगे। तुम्हारी धरती “परमेश्वर की दुल्हिन” कहलायेगी। क्यों क्योंकि यहोवा तुमसे प्रेम करता है और तुम्हारी धरती उसकी हो जायेगी।
वे मुझे प्रसन्न करेंगे। मैं उनका भला करने में आनन्दित होऊँगा और मैं, निश्चय ही, उन्हें इस धरती में बसाऊँगा और उन्हें बढ़ाऊँगा। यह मैं अपने पूरे हृदय और आत्मा से करूँगा।’”
तब यरूशलेम आश्चर्यचकित करने वाला स्थान हो जायेगा। लोग सुखी होंगे और अन्य राष्ट्रों के लोग इसकी प्रशंसा करेंगे। यह उस समय होगा जब लोग यह सुनेंगे कि वहाँ सब अच्छा हो रहा है। वे उन अच्छे कामों को सुनेंगे जिन्हें मैं यरूशलेम के लिये कर रहा हूँ।’
तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे साथ हैं। वह शक्तिशाली सैनिक सा हैं। वह तुम्हारी रक्षा करेगा। वह दिखायेगा कि वह तुम से कितना प्यार करता है। वह दिखायेगा कि वह तुम्हारे साथ कितने प्रसन्न है। वे हसेगा और तुम्हारे बारे में ऐसे प्रसन्न होगा,
किन्तु हमें प्रसन्न होना चाहिए और उत्सव मनाना चाहिये क्योंकि तेरा यह भाई, जो मर गया था, अब फिर जीवित हो गया है। यह खो गया था, जो फिर अब मिल गया है।’”
और जब वह उसे पा लेती है तो अपने मित्रों और पड़ोसियों को पास बुला कर कहती है, ‘मेरे साथ आनन्द मनाओ क्योंकि मेरा सिक्का जो खो गया था, मिल गया है।’
अब तक मेरे नाम में तुमने कुछ नहीं माँगा है। माँगो, तुम पाओगे। ताकि तुम्हें भरपूर आनन्द हो।
“मैंने ये बातें तुमसे इसलिये कहीं कि मेरे द्वारा तुम्हें शांति मिले। जगत में तुम्हें यातना मिली है किन्तु साहस रखो, मैंने जगत को जीत लिया है।”
“अब मैं तेरे पास आ रहा हूँ किन्तु ये बातें मैं जगत में रहते हुए कह रहा हूँ ताकि वे अपने हृदयों में मेरे पूर्ण आनन्द को पा सकें।
दूल्हा वही है जिसे दुल्हन मिलती है। पर दूल्हे का मित्र जो खड़ा रहता है और उसकी अगुवाई में जब दूल्हे की आवाज़ को सुनता है, तो बहुत खुश होता है। मेरी यही खुशी अब पूरी हुई है।
सभी आशाओं का स्रोत परमेश्वर, तुम्हें सम्पूर्ण आनन्द और शांति से भर दे जैसा कि उसमें तुम्हारा विश्वास है। ताकि पवित्र आत्मा की शक्ति से तुम आशा से भरपूर हो जाओ।
इसका अर्थ यह नहीं है कि हम तुम्हारे विश्वास पर काबू पाना चाहते हैं। तुम तो अपने विश्वास में अड़िग हो। बल्कि बात यह है कि हम तो तुम्हारी प्रसन्नता के लिए तुम्हारे सहकर्मी हैं।
मदिरा पान करके मतवाले मत बने रहो क्योंकि इससे कामुकता पैदा होती है। इसके विपरीत आत्मा से परिपूर्ण हो जाओ।
और क्योंकि यह मैं निश्चय के साथ जानता हूँ कि मैं यहीं रहूँगा और तुम सब की आध्यात्मिक उन्नति और विश्वास से उत्पन्न आनन्द के लिये तुम्हारे साथ रहता ही रहूँगा।
यद्यपि तुमने उसे देखा नहीं है, फिर भी तुम उसे प्रेम करते हो। यद्यपि तुम अभी उसे देख नहीं पा रहे हो, किन्तु फिर भी उसमें विश्वास रखते हो और एक ऐसे आनन्द से भरे हुए हो जो अकथनीय एवं महिमामय है।
यद्यपि तुम्हें लिखने को मेरे पास बहुत सी बातें हैं किन्तु उन्हें मैं लेखनी और स्याही से नहीं लिखना चाहता। बल्कि मुझे आशा है कि तुम्हारे पास आकर आमने-सामने बैठ कर बातें करूँगा। जिससे हमारा आनन्द परिपूर्ण हो।