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यूहन्ना 15:10 - पवित्र बाइबल

यदि तुम मेरे आदेशों का पालन करोगे तो तुम मेरे प्रेम में बने रहोगे। वैसे ही जैसे मैं अपने परम पिता के आदेशों को पालते हुए उसके प्रेम में बना रहता हूँ।

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Hindi Holy Bible

यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यदि तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे; जैसे मैंने भी अपने पिता की आज्ञाओं का पालन किया है और उसके प्रेम में बना रहता हूँ।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे; जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूँ।

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नवीन हिंदी बाइबल

यदि तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे तो तुम मेरे प्रेम में बने रहोगे, जैसे मैंने अपने पिता की आज्ञाओं का पालन किया है और उसके प्रेम में बना रहता हूँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

तुम मेरे प्रेम में स्थिर बने रहोगे, यदि तुम मेरे आदेशों का पालन करते हो, जैसे मैं पिता के आदेशों का पालन करता आया हूं और उनके प्रेम में स्थिर हूं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे जैसा कि मैंने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूँ।

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यूहन्ना 15:10
28 क्रॉस रेफरेंस  

क्यों? क्योंकि मैंने यहोवा के नियमों का पालन किया। मैंने अपने परमेश्वर के विरुद्ध पाप नहीं किया।


हिजकिय्याह यहोवा का बहुत भक्त था। उसने यहोवा का अनुसरण करना नहीं छोड़ा। उसने उन आदेशों का पालन किया जिन्हें यहोवा ने मूसा को दिये थे।


मूसा और हारून ने उन बातों का पालन किया जिन्हें यहोवा ने कहा था।


मेरा स्वामी यहोवा सीखने में मेरा सहायक है और मैं उसका विरोधी नहीं बना हूँ। मैं उसके पीछे चलना नहीं छोड़ूँगा।


बल्कि मैं अपने आप अपनी इच्छा से इसे देता हूँ। मुझे इसे देने का अधिकार है। यह आदेश मुझे मेरे परम पिता से मिला है।”


क्योंकि मैंने अपनी ओर से कुछ नहीं कहा है बल्कि परम पिता ने, जिसने मुझे भेजा है, आदेश दिया है कि मैं क्या कहूँ और क्या उपदेश दूँ।


“यदि तुम मुझे प्रेम करते हो, तो मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे।


वह जो मेरे आदेशों को स्वीकार करता है और उनका पालन करता है, मुझसे प्रेम करता है। जो मुझमें प्रेम रखता है उसे मेरा परम पिता प्रेम करेगा। मैं भी उसे प्रेम करूँगा और अपने आप को उस पर प्रकट करूँगा।”


उत्तर में यीशु ने उससे कहा, “यदि कोई मुझमें प्रेम रखता है तो वह मेरे वचन का पालन करेगा। और उससे मेरा परम पिता प्रेम करेगा। और हम उसके पास आयेंगे और उसके साथ निवास करेंगे।


और पिता ने जैसी आज्ञा मुझे दी है, मैं वैसा ही करता हूँ। “अब उठो, हम यहाँ से चलें।”


जो काम तूने मुझे सौंपे थे, उन्हें पूरा करके जगत में मैंने तुझे महिमावान किया है।


यीशु ने उनसे कहा, “मेरा भोजन उसकी इच्छा को पूरा करना है जिसने मुझे भेजा है। और उस काम को पूरा करना है जो मुझे सौंपा गया है।


और वह जिसने मुझे भेजा है, मेरे साथ है। उसने मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा क्योंकि मैं सदा वही करता हूँ जो उसे भाता है।”


तुमने उसे कभी नहीं जाना। पर मैं उसे जानता हूँ, यदि मैं यह कहूँ कि मैं उसे नहीं जानता तो मैं भी तुम लोगों की ही तरह झूठा ठहरूँगा। मैं उसे अच्छी तरह जानता हूँ, और जो वह कहता है उसका पालन करता हूँ।


ख़तना तो कुछ नहीं है, और न ही ख़तना नहीं होना कुछ है। बल्कि परमेश्वर के आदेशों का पालन करना ही सब कुछ है।


हे भाईयों, अब मुझे तुम्हें कुछ और बातें बतानी हैं। यीशु मसीह के नाम पर हम तुमसे प्रार्थना एवं निवेदन करते हैं कि तुमने हमसे जिस प्रकार उपदेश ग्रहण किया है, तुम्हें परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए उसी के अनुसार चलना चाहिए। निश्चय ही तुम उसी प्रकार चल भी रहे हो। किन्तु तुम वैसे ही और अधिक से अधिक करते चलो।


ऐसा ही महायाजक हमारी आवश्यकता को पूरा कर सकता है, जो पवित्र हो, दोषरहित हो, शुद्ध हो, पापियों के प्रभाव से दूर रहता हो, स्वर्गों से भी जिसे ऊँचा उठाया गया हो।


क्योंकि उनके लिए यही अच्छा था कि वे इस धार्मिकता के मार्ग को जान ही नहीं पाते बजाय इसके कि जो पवित्र आज्ञा उन्हें दी गयी थी, उसे जानकर उससे मुँह फेर लेते।


यदि हम परमेश्वर के आदेशों का पालन करते हैं तो यही वह मार्ग है जिससे हम निश्चय करते हैं कि हमने सचमुच उसे जान लिया है।


किन्तु यदि कोई परमेश्वर के उपदेश का पालन करता है तो उसमें परमेश्वर के प्रेम ने परिपूर्णता पा ली है। यही वह मार्ग है जिससे हमें निश्चय होता है कि हम परमेश्वर में स्थित हैं:


जो यह कहता है कि वह परमेश्वर में स्थित है, उसे यीशु के जैसा जीवन जीना चाहिए।


उसके आदेशों का पालन करते हुए हम यह दर्शाते हैं कि हम परमेश्वर से प्रेम करते हैं। उसके आदेश अत्यधिक कठोर नहीं हैं।


“धन्य हैं वह जो अपने वस्त्रों को धो लेते हैं। उन्हें जीवन-वृक्ष के फल खाने का अधिकार होगा। वे द्वार से होकर नगर में प्रवेश करने के अधिकारी होंगे।