यूसुफ के भाईयों ने बहुत दूर से उसे आते देखा। उन्होंने उसे मार डालने की योजना बनाने का निश्चय किया।
यूहन्ना 11:53 - पवित्र बाइबल इस तरह उसी दिन से वे यीशु को मारने के कुचक्र रचने लगे। Hindi Holy Bible सो उसी दिन से वे उसके मार डालने की सम्मति करने लगे॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसी दिन से वे येशु को मार डालने का षड्यन्त्र रचने लगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: उसी दिन से वे उसे मार डालने का षड्यन्त्र रचने लगे। नवीन हिंदी बाइबल अतः उसी दिन से वे उसे मार डालने के लिए योजना बनाने लगे। सरल हिन्दी बाइबल उस दिन से वे सब एकजुट होकर उनकी हत्या की योजना बनाने लगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अतः उसी दिन से वे उसके मार डालने की सम्मति करने लगे। |
यूसुफ के भाईयों ने बहुत दूर से उसे आते देखा। उन्होंने उसे मार डालने की योजना बनाने का निश्चय किया।
किन्तु मैंने उन व्यापारियों और सौदागरों को चेतावनी दे दी। मैंने उनसे कहा, “परकोटे की दीवार के आगे न ठहरा करो और यदि तुम फिर ऐसा करोगे तो मैं तुम्हें बन्दी बना लूँगा।” सो उस दिन के बाद से सब्त के दिन अपना सामान बेचने के लिए वे फिर कभी नहीं आये।
उस दिन के बाद से मेरे आधे लोग परकोटे पर काम करने लगे और मेरे आधेलोग भालों, ढालों, तीरों और कवचों से सुसज्जित होकर पहरा देते रहे। यहूदा के उन लोगों के पीछे जो नगर परकोटे की दीवार का निर्माण कर रहे थे, सेना के अधिकारी खड़े रहते थे।
ऐसे दशों के राजा और नेता यहोवा और उसके चुने हुए राजा के विरुद्ध होने को आपस में एक हो जाते हैं।
मैं उन भयंकर बातों को सुनता हूँ जो लोग मेरे विषय में करते हैं। वे सभी लोग मेरे विरुद्ध हो गए हैं। वे मुझे मार डालने की योजनाएँ रचते हैं।
सचमुच, मेरे शत्रुओं ने मेरे विरूद्ध कुचक्र रच डाले हैं। सचमुच वे सब इकटठे हो गये हैं, और उनकी योजना मुझको मार डालने की है।
यिर्मयाह ने सिदकिय्याह से कहा, “यदि मैं आपको उत्तर दूँगा तो संभव है आप मुझे मार डालें और यदि मैं आपको सलाह भी दूँ तो आप उसे नहीं मानेंगे।”
तब जिन राजकीय अधिकारियों ने यिर्मयाह के उस कथन को सुना जिसे वह लोगों से कह रहा था, वे राजा सिदकिय्याह के पास गए। उन्होंने राजा से कहा, “यिर्मयाह को अवश्य मार डालना चाहिये। वह उन सैनिकों को भी हतोत्साहित कर रहा है जो अब तक नगर में हैं। यिर्मयाह जो कुछ कह रहा है उससे वह हर एक का साहस तोड़ रहा है। यिर्मयाह हम लोगों का भला होता नहीं देखना चाहता। वह यरूशलेम के लोगों को बरबाद करना चाहता है।”
उस समय यीशु अपने शिष्यों को बताने लगा कि, उसे यरूशलेम जाना चाहिये। जहाँ उसे यहूदी धर्मशास्त्रियों, बुज़ुर्ग यहूदी नेताओं और प्रमुख याजकों द्वारा यातनाएँ पहुँचा कर मरवा दिया जायेगा। फिर तीसरे दिन वह मरे हुओं में से जी उठेगा।
उत्तर में कोई भी उससे कुछ नहीं कह सका। और न ही उस दिन के बाद किसी को उससे कुछ और पूछने का साहस ही हुआ।
महायाजक समूची यहूदी महासभा समेत यीशु को मृत्यु दण्ड देने के लिए उसके विरोध में कोई अभियोग ढूँढने का यत्न कर रहे थे।
फ़सह पर्व और बिना खमीर की रोटी का उत्सव आने से दो दिन पहले की बात है कि प्रमुख याजक और यहूदी धर्मशास्त्री कोई ऐसा रास्ता ढूँढ रहे थे जिससे चालाकी के साथ उसे बंदी बनाया जाये और मार डाला जाये।
तब फ़रीसी वहाँ से चले गये और हेरोदियों के साथ मिल कर यीशु के विरुद्ध षड़यन्त्र रचने लगे कि वे उसकी हत्या कैसे कर सकते हैं।
फिर महायाजकों और फरीसियों ने यहूदियों की सबसे ऊँची परिषद बुलाई। और कहा, “हमें क्या करना चाहिये? यह व्यक्ति बहुत से आश्चर्य चिन्ह दिखा रहा है।
इसके बाद यीशु ने गलील की यात्रा की। वह यहूदिया जाना चाहता था क्योंकि यहूदी उसे मार डालना चाहते थे।