वह देखेगा कि उसके आराम की जगह अच्छी है। तथा यह कि उसकी भूमि सुहाबनी है। तब वह भारी बोझे ढोने को तैयार होगा। वह दास के रूप में काम करना स्वीकार करेगा।”
यहोशू 17:13 - पवित्र बाइबल किन्तु इस्राएल के लोग शक्तिशाली हुए। जब ऐसा हुआ तो उन्होंने कनानके लोगों को काम करने के लिये विवश किया। किन्तु वे कनानी लोगों को उस भूमि को छोड़ने के लिए विवश न कर सके। Hindi Holy Bible तौभी जब इस्राएली सामर्थी हो गए, तब कनानियों से बेगारी तो कराने लगे, परन्तु उन को पूरी रीति से निकाल बाहर न किया॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब इस्राएली लोग शक्तिशाली हो गए, तब भी उन्होंने कनानी जाति के लोगों को नहीं निकाला। पर वे उनसे बेगार कराने लगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तौभी जब इस्राएली सामर्थी हो गए, तब कनानियों से बेगारी तो कराने लगे, परन्तु उनको पूरी रीति से निकाल बाहर न किया। सरल हिन्दी बाइबल जब इस्राएल वंश बलवंत हो गए, तब उन्होंने कनानियों को मज़दूर बना दिया; उन्होंने इन्हें देश से पूरी तरह बाहर न निकाला. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तो भी जब इस्राएली सामर्थी हो गए, तब कनानियों से बेगारी तो कराने लगे, परन्तु उनको पूरी रीति से निकाल बाहर न किया। |
वह देखेगा कि उसके आराम की जगह अच्छी है। तथा यह कि उसकी भूमि सुहाबनी है। तब वह भारी बोझे ढोने को तैयार होगा। वह दास के रूप में काम करना स्वीकार करेगा।”
शाऊल के परिवार और दाऊद के परिवार में लम्बे समय तक युद्ध चलता रहा। दाऊद अधिकाधिक शक्तिशाली होता गया। और शाऊल का परिवार कमजोर पर कमजोर होता गाय।
इस्राएली उन लोगों को नष्ट नहीं कर सके थे। किन्तु सुलैमान ने उन्हें दास के रूप में अपने लिये काम करने को विवश किया। वे अभी तक दास हैं।
किन्तु एप्रैमी लोग कनानी लोगों को गेजेर नगर छोड़ने को विवश करने में समर्थ न हो सके। इसलिए कनानी लोग अब तक एप्रैमी लोगों के बीच रहते हैं। किन्तु कनानी लोग एप्रैमी लोगों के दास हो गए थे।
बल्कि हमारे प्रभु तथा उद्धारकर्ता यीशु मसीह की अनुग्रह और ज्ञान में तुम आगे बढ़ते जाओ। अब और अनन्त समय तक उसकी महिमा होती रहे।
बाद में इस्राएल के लोग अधिक शक्तिशाली हुए और कनानी लोगों को दासों की तरह अपने लिए काम करने के लिये विवश किया। किन्तु इस्राएल के लोग सभी कनानी लोगों से उनका प्रदेश न छुड़वा सके।
जबूलून के परिवार समूह के साथ भी यही बात हुई। कित्रोन और नहलोल नगरों मे कुछ कनानी लोग रहते थे। जबूलून के लोग उन लोगों से उनका देश न छुड़वा सके। वे कनानी लोग टिके रहे और जबूलून लोगों के साथ रहते चले आए। किन्तु जबूलून के लोगों ने उन लोगों को दासों की तरह काम करने को विवश किया।
नप्ताली के परिवार समूह के साथ भी यही बात हुई। नप्ताली परिवार के लोग उन लोगों से बेतशेमेश और बेतनात नगरों को न छुड़वा सके। इसलिए नप्ताली के लोग उन नगरों में उन लोगों के साथ रहते चले आए। वे कनानी लोग नप्ताली लोगों के लिए दासों की तरह काम करते रहे।
एमोरी लोगों ने हेरेस पर्वत, अय्यलोन तथा शालबीम में ठहरने का निश्चय किया। बाद में, यूसुफ का परिवार समूह शाक्तिशाली हो गया। तब उन्होंने एमोरी लोगों से दासों की तरह काम लिया।