यहेजकेल 31:6 - पवित्र बाइबल वृक्ष की शाखाओं में संसार के सभी पक्षियों ने घोंसले बनाए थे। वृक्ष की शाखाओं के नीचे, खेत के सभी जानवर बच्चों को जन्म देते थे। सभी बड़े राष्ट्र उस वृक्ष की छाया में रहते थे। Hindi Holy Bible उसकी टहनियों में आकाश के सब प्रकार के पक्षी बसेरा करते थे, और उसकी शाखाओं के नीचे मैदान के सब भांति के जीवजन्तु जन्मते थे; और उसकी छाया में सब बड़ी जातियां रहती थीं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आकाश के पक्षी, उसकी टहनियों पर घोंसले बनाते हैं। उसकी छाया में जंगल के पशु अपने बच्चों के साथ बसेरा करते हैं। संसार की जातियां भी उसकी छाया में निवास करती हैं। ओ फरओ, तू और तेरी प्रजा ऐसा ही विशाल देवदार वृक्ष हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसकी टहनियों में आकाश के सब प्रकार के पक्षी बसेरा करते थे, और उसकी शाखाओं के नीचे मैदान के सब भाँति के जीवजन्तु जन्मते थे; और उसकी छाया में सब बड़ी जातियाँ रहती थीं। सरल हिन्दी बाइबल आकाश के सारे पक्षी उसकी डालियों पर बसेरा करते थे, उसकी शाखाओं के नीचे बंजर भूमि के सारे पशु बच्चे देते थे; सारी महान जनता इसकी छाया में रहती थीं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसकी टहनियों में आकाश के सब प्रकार के पक्षी बसेरा करते थे, और उसकी शाखाओं के नीचे मैदान के सब भाँति के जीवजन्तु जन्म लेते थे; और उसकी छाया में सब बड़ी जातियाँ रहती थीं। (दानि. 4:12) |
मैं स्वयं इसे इस्राएल में ऊँचे पर्वत पर लगाऊँगा। यह शाखा एक वृक्ष बन जाएगी। इसकी शाखायें निकलेंगी और इसमें फल लगेंगे। यह एक सुन्दर देवदार का वृक्ष बन जाएगा। अनेक पक्षी इसकी शाखाओं पर बैठा करेंगे। अनेक पक्षी इसकी शाखाओं के नीचे छाया में रहेंगे।
हाँ, वे वृक्ष भी बड़े वृक्ष के साथ मृत्यु के स्थान पर गए। उन्होंने उन व्यक्तियों का साथ पकड़ा जो युद्ध में मर गए थे। उस बड़े वृक्ष ने अन्य वृक्षों को शक्तिशाली बनाया। वे वृक्ष, राष्ट्रों में उस बड़े वृक्ष की छाया में रहते थे।
अत: वृक्ष अपनी महानता और अपनी लम्बी शाखाओं में सुन्दर था। क्यों? क्योंकि इसकी जड़ें यथेष्ट जल तक पहुँची थीं!
जब मैं अपने बिस्तर में लेटा हुआ था तो मैंने जो दिव्य दर्शन देखे, वे ये हैं। मैंने देखा कि मेरे सामने धरती के बीचों—बीच एक वृक्ष खड़ा है। वह वृक्ष बहुत लम्बा था।
वृक्ष की पत्तियाँ सुन्दर थीं। वृक्ष पर बहुत अच्छे फल बहुतायत में लगे थे और उस वृक्ष पर हर किसी के लिये भरपूर खाने को था। जंगली जानवर वृक्ष के नीचे आसरा पाये हुए थे और वृक्ष की शाखाओं पर चिड़ियों का बसेरा था। हर पशु पक्षी उस वृक्ष से ही भोजन पाता था।
यह बीज छोटे से छोटा होता है किन्तु बड़ा होने पर यह बाग के सभी पौधों से बड़ा हो जाता है। यह पेड़ बनता है और आकाश के पक्षी आकर इसकी शाखाओं पर शरण लेते हैं।”
किन्तु जब वह रोप दिया जाता है तो बढ़ कर भूमि के सभी पौधों से बड़ा हो जाता है। उसकी शाखाएँ इतनी बड़ी हो जाती हैं कि हवा में उड़ती चिड़ियाएँ उसकी छाया में घोंसला बना सकती हैं।”