“‘किन्तु इस्राएल का परिवार मरूभूमि में मेरे विरुद्ध उठ खड़ा हुआ। उन्होंने मेरे नियमों का अनुसरण नहीं किया। उन्होंने मेरे नियमों का पालन करने से इन्कार किया और वे नियम अच्छे हैं। यदि कोई व्यक्ति उनका पालन करेगा तो वह जीवित रहेगा। उन्होंने मेरे विशेष विश्राम के दिनों के प्रति ऐसा व्यवहार किया मानो उनका कोई महत्व न हो। वे उन दिनों में अनेकों बार काम करते रहे। मैंने मरूभूमि में उन्हें नष्ट करने का निश्चय किया अर्थात् अपने क्रोध की पूरी शक्ति का अनुभव उन्हें कराना चाहा।
यह प्रदर्शित करो कि मेरे विश्राम के दिन तुम्हारे लिये महत्वपूर्ण हैं। याद रखो कि वे तुम्हारे और हमारे बीच विशेष प्रतीक हैं। मैं यहोवा हूँ और वे पवित्र दिन यह संकेत करते हैं कि मैं तुम्हारा परमेश्वर हूँ।”
“‘किन्तु वे बच्चे मेरे विरुद्ध हो गये। उन्होंने मेरे नियमों का पालन नहीं किया। उन्होंने मेरे आदेश नहीं माने। उन्होंने वे काम नहीं किये जो मैंने उनसे कहा वे अच्छे नियम थे। यदि कोई उनका पालन करेगा तो वह जीवित रहेगा। उन्होंने मेरे विश्राम के दिनों को ऐसे लिया मानों वे महत्व न रखते हों। इसलिये मैंने उन्हें मरूभूमि में पूरी तरह नष्ट करने का निश्चय किया जिससे वे मेरे क्रोध की पूरी शक्ति का अनुभव कर सकें।
“‘इस्राएल के लोगों ने मेरे आदेश का पालन नहीं किया। उन्होंने मेरे नियमों को मानने से इन्कार कर दिया। उन्होंने मेरे विशेष विश्राम के दिनों को ऐसे लिया मानो वे महत्व न रखते हों। उन्होंने अपने पूर्वजों की गन्दी देवमूर्तियों को पूजा।
“याजकों ने सचमुच मेरे उपदेशों को हानि पहुँचाई है। वे मेरी पवित्र चीजों को ठीक—ठीक नहीं बरतते अर्थात् वे यह प्रकट नहीं करते कि वे महत्वपूर्ण हैं। वे पवित्र चीज़ों को अपवित्र चीज़ों की तरह बरतते हैं। वे शुद्ध चीज़ो को अशुद्ध चीज़ों की तरह बरतते हैं। वे लोगों को इनके विषय में शिक्षा नहीं देते। वे मेरे विशेष विश्राम के दिनों का सम्मान करने से इन्कार करते हैं। वे मुझे इस तरह लेते हैं मानों मैं महत्वपूर्ण नहीं हूँ।