वे प्राणी जब चलते थे तो मुड़ते नहीं थे। वे उसी दिशा में चलते थे जिसे वे देख रहे थे। वे वहीं जाते थे जहाँ आत्मा उन्हें ले जाती थी।
यहेजकेल 1:20 - पवित्र बाइबल वे वहीं जाते, जहाँ “आत्मा” उन्हें ले जाना चाहती और चक्र उनके साथ जाते थे। क्यों क्योंकि प्राणियों की “आत्मा” (शक्ति) चक्र में थी। Hindi Holy Bible जिधर आत्मा जाना चाहती थी, उधर ही वे जाते, और और पहिये जीवधारियों के साथ उठते थे; क्योंकि उनकी आत्मा पहियों में थी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जहाँ आत्मा जाना चाहती थी, वहाँ जीवधारी जाते थे, और जीवधारियों के साथ ये पहिए भी उठ जाते थे; क्योंकि जीवधारियों की आत्मा इन पहियों में थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जिधर आत्मा जाना चाहती थी, उधर ही वे जाते, और पहिये जीवधारियों के साथ उठते थे; क्योंकि उनकी आत्मा पहियों में थी। सरल हिन्दी बाइबल जहां कहीं भी आत्मा जाती थी, वे भी जाते थे, और वे पहिये उनके साथ ऊपर उठते थे, क्योंकि जीवित प्राणियों की आत्मा उन पहियों में थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जिधर आत्मा जाना चाहती थी, उधर ही वे जाते, और पहिये जीवधारियों के साथ उठते थे; क्योंकि उनकी आत्मा पहियों में थी। |
वे प्राणी जब चलते थे तो मुड़ते नहीं थे। वे उसी दिशा में चलते थे जिसे वे देख रहे थे। वे वहीं जाते थे जहाँ आत्मा उन्हें ले जाती थी।
इसलिये यदि प्राणी चलते थे तो चक्र भी चलते थे। यदि प्राणी रूक जाते थे तो चक्र भी रूक जाते थे। यदि चक्र हवा में ऊपर जाते तो प्राणी उनके साथ जाते थे। क्यों क्योंकि आत्मा चक्र में थी।
यदि करुब (स्वर्गदूत) हवा में उड़ते थे तो चक्र उनके साथ जाते थे। यदि करुब (स्वर्गदूत) शान्त खड़े रहते थे तो चक्र भी वैसा ही करते थे। क्यों क्योंकि उनमें प्राणियों की आत्मा की शक्ति थी।