यहूदा 1:19 - पवित्र बाइबल ये लोग वे ही हैं जो फूट डलवाते हैं। Hindi Holy Bible ये तो वे हैं, जो फूट डालते हैं; ये शारीरिक लोग हैं, जिन में आत्मा नहीं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ये व्यक्ति आप लोगों में फूट डालते हैं। ये संसारी मनुष्य हैं और आत्मा से वंचित हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ये वे हैं जो फूट डालते हैं; ये शारीरिक लोग हैं, जिनमें आत्मा नहीं। नवीन हिंदी बाइबल ये वे हैं जो फूट डालते हैं; ये शारीरिक हैं जिनमें आत्मा नहीं। सरल हिन्दी बाइबल ये लोग फूट डालनेवाले, सांसारिक और आत्मा से रहित हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ये तो वे हैं, जो फूट डालते हैं; ये शारीरिक लोग हैं, जिनमें आत्मा नहीं। |
किन्तु वे लोग दूसरे लोगों से कहा करते हैं, ‘मेरे पास मत आओ, मुझे उस समय तक मत छुओ, जब तक मैं तुम्हें पवित्र न कर दूँ।’ मेरी आँखों में वे लोग धुएँ के जैसे हैं और उनकी आग हर समय जला करती है।”
यदि कोई इस्राएली या इस्राएल में रहने वाला विदेशी मेरे पास राय के लिये आता है, तो मैं उसे उत्तर दूँगा। मैं उसे तब भी उत्तर दूँगा यदि उसने गन्दी देवमूर्तियाँ रखी हैं, यदि वह उन चीजों को रखता है जो उससे पाप कराती हैं और यदि वह तब तक उन मूर्तियों की पूजा करता है और यह उत्तर है जिसे मैं उसे दूँगा।
“मैं तुम्हारी पुत्रियों को वेश्याएँ बनने के लिये अथवा तुम्हारी बहुओं को पापपूर्ण यौनाचार के लिये दोष नहीं दे सकता। लोग वेश्याओं के पास जाकर उनके साथ सोते हैं और फिर वे मन्दिर की वेश्याओं के पास जाकर बलियाँ अर्पित कर देते हैं। इस प्रकार वे मूर्ख लोग स्वयं अपने आपको ही तबाह कर रहे हैं।
“जैसे रेगिस्तान में किसी को अंगूर मिल जायें, मेरे लिये इस्राएल का मिलना वैसा ही था। तुम्हारे पूर्वज मुझे ऐसे ही मिले जैसे ऋतु के प्रारम्भ में अंजीर के पेड़ पर किसी को अंजीर के पहले फल मिलते हैं। किन्तु वे तो बाल—पोर के पास चले गये। वे बदल गये और ऐसे हो गये जैसे कोई सड़ी—गली वस्तु होती है। वे जिन भयानक वस्तुओं को (झूठे देवताओं को) प्रेम करते थे, उन्हीं के जैसे हो गये।
किन्तु तुम लोग भौतिक मानव स्वभाव के अधीन नहीं हो, बल्कि आत्मा के अधीन हो यदि वास्तव में तुममें परमेश्वर की आत्मा का निवास है। किन्तु यदि किसी में यीशु मसीह की आत्मा नहीं है तो वह मसीह का नहीं है।
एक प्राकृतिक व्यक्ति परमेश्वर की आत्मा द्वारा प्रकाशित सत्य को ग्रहण नहीं करता क्योंकि उसके लिए वे बातें निरी मूर्खता होती हैं, वह उन्हें समझ नहीं पाता क्योंकि वे आत्मा के आधार पर ही परखी जा सकती हैं।
अथवा क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे शरीर उस पवित्र आत्मा के मन्दिर हैं जिसे तुमने परमेश्वर से पाया है और जो तुम्हारे भीतर निवास करता है। और वह आत्मा तुम्हारा अपना नहीं है,
हमारी सभाओं में आना मत छोड़ो। जैसे कि कुछों को तो वहाँ नहीं आने की आदत ही पड़ गयी है। बल्कि हमें तो एक दूसरे को उत्साहित करना चाहिए। और जैसा कि तुम देख ही रहे हो-कि वह दिन निकट आ रहा है। सो तुम्हें तो यह और अधिक करना चाहिए।
ऐसा “ज्ञान” तो ऊपर अर्थात् स्वर्ग से, प्राप्त नहीं होता, बल्कि वह तो भौतिक है। आत्मिक नहीं है। तथा शैतान का है।