अश्शूर का राजा तिग्लत्पिलेसेर इस्राएल के विरुद्ध लड़ने आया। यह वही समय था जब पेकह इस्राएल का राजा था। तिग्लत्पिलेसेर ने इय्योन, अबेल्बेत्माका, यानोह, केदेश, हासोर, गिलाद गालील और नप्ताली के सारे क्षेत्र पर अधिकार कर लिया। तिग्लत्पिलेसेर इन स्थानों से लोगों को बन्दी बनाकर अश्शूर ले गया।
अश्शूर के राजा ने उसकी बात मान ली। अश्शूर का राजा दमिश्क के विरुद्ध लड़ने गया। राजा ने उस नगर पर अधिकार कर लिया और लोगों को दमिश्क से बन्दी बनाकर फिर ले गया। उसने रसीन को भी मार डाला।
तुम्हें एक बंदी के समान नीचे झुकना ही होंगा। तुम मुर्दे के समान धरती में गिर कर दण्डवत प्रणाम करोगे किन्तु उससे तुम्हें कोई सहायता नहीं मिलेगी। परमेश्वर तब भी कुपित रहेगा। परमेश्वर तुम्हें दण्ड देने के लिए तब भी तत्पर रहेगा।
शोमरोन को देखो! एप्रैम के मदमस्त लोग उस नगर पर गर्व करते हैं। वह नगर पहाड़ी पर बसा है जिसके चारों तरफ एक सम्पन्न घाटी है। शोमरोन के वासी यह सोचा करते हैं कि उनका नगर फूलों के मुकुट सा है। किन्तु वे दाखमधु से धुत्त हैं और यह “सुन्दर मुकुट” मुरझाये पौधे सा है।
इसलिए यहोवा अपने लोगों से बहुत अधिक कुपित हुआ है। यहोवा ने अपना हाथ उठाया और उन्हें दण्ड दिया। यहाँ तक कि पर्वत भी भयभीत हो उठे थे। गलियों में कूड़े की तरह लाशें बिछी पड़ी थी। किन्तु यहोवा अभी भी कुपित है। उसका हाथ लोगों को दण्ड देने के लिए अभी भी उठा हुआ है।
आहाज, योताम का पुत्र था। योताम उज्जिय्याह का पुत्र था। उन्हीं दिनों रसीन आराम का राजा हुआ करता था और इस्राएल पर रमल्याह के पुत्र पेकह राजा था। जिन दिनों यहूदा पर आहाज शासन कर रहा था, रसीन और पेकह युद्ध के लिये यरूशलेम पर चढ़ बैठे। किन्तु वे इस नगर को हरा नहीं सके।