यहोवा के गरजते ही, राष्ट्र भय से काँप उठेंगे। उनकी राजधानियों का पतन हो जाता है और धरती चरमरा उठती हैं।
यशायाह 64:1 - पवित्र बाइबल यदि तू आकाश चीर कर धरती पर नीचे उतर आये तो सब कुछ ही बदल जाये। तेरे सामने पर्वत पिघल जाये। Hindi Holy Bible भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे साम्हने कांप उठे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) काश! तू आकाश को फाड़कर पृथ्वी पर उतर आता; तेरी उपस्थिति से पहाड़ थर्रा उठते! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे सामने काँप उठे। सरल हिन्दी बाइबल भला हो कि आप आकाश को फाड़कर नीचे आ सकते, कि पर्वत आपके सामने कांप उठे! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे सामने काँप उठे। |
यहोवा के गरजते ही, राष्ट्र भय से काँप उठेंगे। उनकी राजधानियों का पतन हो जाता है और धरती चरमरा उठती हैं।
दूसरी जाति के लोगों को तू यह मत कहने दे, “तुम्हारा परमेश्वर कहाँ है? क्या वह तुझको सहारा नहीं दे सकता है?” हे परमेश्वर, उन लोगों को दण्ड दे ताकि उस दण्ड को हम भी देख सकें। उन लोगों को तेरे भक्तों को मारने का दण्ड दे।
और तीसरे दिन मेरे लिए तैयार रहना चाहिए। तीसरे दिन मैं (यहोवा) सीनै पर्वत पर नीचे आऊँगा और सभी लोग मुझ (यहोवा) को देखेंगे।
मैं अब जाऊँगा और मिस्रियों से अपने लोगों को बचाऊँगा। मैं उन्हें उस देश से निकालूँगा और उन्हें मैं एक अच्छे देश में ले जाऊँगा जहाँ वे कष्टों से मुक्त हो सकेंगे। जो अनेक अच्छी चीजों से भरा पड़ा है। उस प्रदेश में विभिन्न लोग रहते हैं। कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी हिब्बी और यबूसी।
देख, मैंने तुझे एक नये दाँवने के यन्त्र सा बनाया है। इस यन्त्र में बहुत से दाँते हैं जो बहुत तीखे हैं। किसान इसको अनाज के छिलके उतारने के काम में लाते है। तू पर्वतों को पैरों तले मसलेगा और उनको धूल में मिला देगा। तू पर्वतों को ऐसा कर देगा जैसे भूसा होता है।
हे यहोवा, तू आकाश से नीचे देख। उन बातों को देख जो घट रही हैं! तू हमें अपने महान पवित्र घर से जो आकाश मैं है, नीचे देख। तेरा सुदृढ़ प्रेम हमारे लिये कहाँ है तेरे शक्तिशाली कार्य कहाँ है तेरे हृदय का प्रेम कहाँ है मेरे लिये तेरी कृपा कहाँ है तूने अपना करूण प्रेम मुझसे कहाँ छिपा रखा है
कुछ लोग तेरा अनुसरण नहीं करते हैं। वे तेरे नाम को धारण नहीं करते हैं। जैसे वे लोग हम भी वैसे हुआ करते थे।
यहोवा कहता है, “वह समय आ रहा है, जब हर प्रकार का भोजन बहुतायत में होगा। अभी लोग पूरी तरह फसल काट भी नहीं पाये होंगे कि जुताई का समय आ जायेगा। लोग अभी अंगूरों का रस निकाल ही रहे होंगे कि अंगूरों की रूपाई का समय फिर आ पहुँचेगा। पर्वतों से दाखमधु की धार बहेगी और वह पहाड़ियों से बरसेगी।
मेरे स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा, उस प्रदेश को छुएगा और वह पिघल जाएगा तब उस देश के सभी निवासी मृतको के लिये रोएंगे। यह प्रदेश मिस्र की नील नदी की तरह ऊपर उठेगा और नीचे गिरेगा।
उस समय, वह जैतुन के पर्वत पर खड़े होंगा। वह पहाड़ी जो यरूशलेम के पूर्व है। अंजीर का पर्वत फट पड़ेगा। पर्वत एक भाग उत्तर को जाएगा दसरा भाग दक्षिण को। एक गहरी घाटी पूर्व से पश्चिम तक उभर आएगी।
जैसे ही वह जल से बाहर आया उसने आकाश को खुले हुए देखा। और देखा कि एक कबूतर के रूप में आत्मा उस पर उतर रहा है।
फिर मैंने एक विशाल श्वेत सिंहासन को और उसे जो उस पर विराजमान था, देखा। उसके सामने से धरती और आकाश भाग खड़े हुए। उनका पता तक नहीं चल पाया।