दूसरे लोगों के देवता बस सोना और चाँदी के देवता थे। उनके देवता मात्र लोगों द्वारा बनाये पुतले थे।
यशायाह 40:19 - पवित्र बाइबल कुन्तु कुछ लोग ऐसे हैं जो पत्थर और लकड़ी की मूर्तियाँ बनाते हैं और उन्हें देवता कहते हैं। एक कारीगर मूर्ति को बनाता है। फिर दूसरा कारीगर उस पर सोना मढ़ देता है और उसके लिये चाँदी की जंजीरे बनता है! Hindi Holy Bible मूरत! कारीगर ढालता है, सोनार उसको सोने से मढ़ता और उसके लिये चान्दी की सांकलें ढाल कर बनाता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्या मूर्ति से जिसको कारीगर ढालता है, सुनार सोने से मढ़ता है, और जिसके लिए वह चांदी की जंजीरें ढालता है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मूरत! कारीगर ढालता है, सुनार उसको सोने से मढ़ता और उसके लिये चाँदी की साँकलें ढालकर बनाता है। सरल हिन्दी बाइबल जैसे मूर्ति को शिल्पकार रूप देता है, स्वर्णकार उस पर सोने की परत चढ़ा देता है तथा चांदी से उसके लिए कड़ियां गढ़ता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मूरत! कारीगर ढालता है, सुनार उसको सोने से मढ़ता और उसके लिये चाँदी की साँकलें ढालकर बनाता है। |
दूसरे लोगों के देवता बस सोना और चाँदी के देवता थे। उनके देवता मात्र लोगों द्वारा बनाये पुतले थे।
वे लोग जिन्होंने इन पुतलों को बनाया, उन पुतलों के समान हो जायेंगे। क्यों? क्योंकि वे लोग मानते हैं कि वे पुतले उनकी रक्षा करेंगे।
उस समय, लोग अपनी सोने चाँदी की मूर्तियों को दूर फेंक देंगे। (इन मूर्तियों को लोगों ने इसलिये बनाया था कि लोग उनको पूज सकें।) लोग उन मूर्तियों को धरती के उन बिलों में फेंक देंगे जहाँ चमगादड़ और छछूंदर रहते हैं।
उनकी धरती पर मूर्तियाँ भरी पड़ी हैं, लोग जिनकी पूजा करते हैं। लोगों ने ही इन मूर्तियों को बनाया है और वे ही उन की पूजा करते हैं।
तुम्हारे पास चाँदी सोने से मढ़े मूर्ति हैं। उन झूठे देवों ने तुमको बुरा (पापपूर्ण) बना दिया है। लेकिन तुम उन झूठे देवों की सेवा करना छोड़ दोगे। तुम उन देवों को कूड़े कचरे और मैले चिथड़ों के समान दूर फेंक दोगे।
वे अपनी मूर्तियों को तर्शीश नगर की चाँदी और उफाज नगर के सोने का उपयोग करके बनाते हैं। वे देवमूर्तियाँ वढइयों और सुनारो द्वारा बनाई जाती हैं। वे उन देवमूर्तियों को नीले और बैंगनी वस्त्र पहनाते हैं। निपुण लोग उन्हें “देवता” बनाते हैं।
दाखमधु पीते हुए वे अपने देवताओं की मूर्तियों की स्तुति कर रहे थे। उन्होंने उन देवताओं की स्तुति की जो देवता सोने, चाँदी, काँसे, लोहे, लकड़ी और पत्थर के मूर्ति मात्र थे।
लेकिन मीका ने वह चाँदी अपनी माँ को लौटा दी। अत: उसने दो सौ शेकेल चाँदी लिये और एक सुनार को दे दिया। सुनार ने चाँदी का उपयोग चाँदी से ढकी एक मूर्ति बनाने में किया। मूर्ति मीका के घर में रखी गई।