अश्शूर के राजा ने अपने तीन अत्यन्त महत्वपूर्ण सेनापतियों को एक विशाल सेना के साथ यरूशलेम में राजा हिजकिय्याह के पास भेजा। वे लोग लाकीश से चले और यरूशलेम को गये। वे ऊपरी स्रोत के पास छोटी नहर के निकट खड़े हुए। (ऊपरी स्रोत धोबी क्षेत्र तक ले जाने वाली सड़क पर है।)
“अश्शूर के सम्राट के विषय में यहोवा कहता हैः “‘वह इस नगर में नहीं आएगा। वह इस नगर में एक भी बाण नहीं चलाएगा। वह इस नगर के विरुद्ध ढाल के साथ नहीं आएगा। वह इस नगर पर आक्रमण के मिट्टी के टीले नहीं बनाएगा।
सिय्योन की पुत्री (यरूशलेम) अब अँगूर के बगीचे में किसी छोड़ दी गयी झोपड़ी जैसी हो गयी है। यह एक ऐसी पुरानी झोपड़ी जैसी दिखती है जिसे ककड़ी के खेत में वीरान छोड़ दिया गया हो। यह उस नगरी के समान है जिसे शत्रुओं द्वारा हरा दिया गया हो।
“संकेत उसे बताते हैं कि वह उस दायीं सड़क को पकड़े जो यरूशलेम पहुँचाती है! उसने अपने साथ विध्वंसक लट्ठों को लाने की योजना बनाई है। वह आदेश देगा और उसके सैनिक जान से मारना आरम्भ करेंगे। वे युद्ध—घोष करेंगे। तब वे एक मिट्टी की दीवार नगर के चारों ओर बनायेंगे। वे एक मिट्टी की सड़क दीवार तक पहुँचाने वाली बनाएंगे। वे नगर पर आक्रमण के लिये लकड़ी की मीनार बनाएंगे।
किन्तु उन पेड़ों को काट सकते हो जिन्हें तुम जानते हो कि ये फलदार नहीं हैं। तुम इनका उपयोग उस नगर के विरुद्ध घेराबन्दी में कर सकते हो, जब तक कि उसका पतन न हो जाए।