यशायाह 2:3 - पवित्र बाइबल बहुत से लोग वहाँ जाया करेंगे। वे कहा करेंगे, “हमे यहोवा के पर्वत पर जाना चाहिये। हमें याकूब के परमेश्वर के मन्दिर में जाना चाहिये। तभी परमेश्वर हमें अपनी जीवन विधि की शिक्षा देगा और हम उसका अनुसरण करेंगे।” सिय्योन पर्वत पर यरूशलेम में, परमेश्वर यहोवा के उपदेशों का सन्देश का आरम्भ होगा और वहाँ से वह समूचे संसार में फैलेगा। Hindi Holy Bible और बहुत देशों के लोग आएंगे, और आपस में कहेंगे: आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं; तब वह हम को अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे। क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) देश-देश के लोग वहाँ जाएंगे और यह कहेंगे : ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें; आओ, हम याकूब के परमेश्वर के भवन की ओर चलें, ताकि प्रभु हमें अपना मार्ग सिखाए, और हम उसके सिखाए हुए मार्ग पर चलें।’ सियोन पर्वत से प्रभु की व्यवस्था प्रकट होगी, यरूशलेम नगर से ही प्रभु का शब्द सुनाई देगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) बहुत से देशों के लोग आएँगे, और आपस में कहेंगे : “आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएँ; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।” क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा। सरल हिन्दी बाइबल और कहेंगे, “आओ, हम याहवेह के पर्वत, याकोब के परमेश्वर के भवन को चलें. कि वह हमें अपने नियम सिखाएं, और हम उनके मार्गों पर चलें.” क्योंकि ज़ियोन से व्यवस्था निकलेगी, और येरूशलेम से याहवेह का वचन आएगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और बहुत देशों के लोग आएँगे, और आपस में कहेंगे: “आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएँ; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।” क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा। (जक. 8:20-23) |
तेरे राज्य के विकास में यहोवा सहारा देगा। तेरे राज्य का आरम्भ सिय्योन पर होगा, और उसका विकास तब तक होता रहेगा, जब तक तू अपने शत्रुओं पर उनके अपने ही देश में राज करेगा।
जैसे न्यायकर्ता तुम्हारे पास प्रारम्भ में थे अब वैसे ही न्यायकर्ता मैं फिर से वापस लाऊँगा। जैसे सलाहकार बहुत पहले तुम्हारे पास हुआ करते थे, वैसे ही सलाहकार तुम्हारे पास फिर होंगे। तुम तब फिर ‘नेक और विश्वासी नगरी’ कहलाओगी।”
उस समय यिशै के परिवार में एक विशेष व्यक्ति होगा। यह व्यक्ति एक ध्वजा के समान होगा। यह “ध्वजा” दर्शायेगी कि समस्त राष्ट्रों को उसके आसपास इकट्ठा हो जाना चाहिये। ये राष्ट्र उससे पूछा करेंगे कि उन्हें क्या करना चाहिये और वह स्थान, जहाँ वह होगा, भव्यता से भर जायेगा।
उस समय, वहाँ एक ऐसा राजमार्ग होगा जो मिस्र से अश्शूर जायेगा। फिर अस्शूर से लोग मिस्र में जायेंगे और मिस्र से अश्शूर में। मिस्र अश्शूर के लोगों के साथ परमेश्वर की उपासना करेगा।
वे कहा करते हैं, यह व्यक्ति कौन है यह किसे शिक्षा देने की कोशिश कर रहा है वह अपने सन्देश किसे समझा रहा है क्या उन बच्चों को जिनका अभी—अभी दूध छुड़ाया गया है क्या उन बच्चों को जिन्हें अभी—अभी अपनी माताओं की छाती से दूर किया गया है
“लोगों में कोई कहेगा, ‘मैं यहोवा का हूँ।’ तो दूसरा व्यक्ति ‘याकूब’ का नाम लेगा। कोई व्यक्ति अपने हाथ पर लिखेगा, ‘मैं यहोवा का हूँ’ और दूसरा व्यक्ति ‘इस्राएल’ नाम का उपयोग करेगा।”
इसलिये मैं अपने मन्दिर में उनके लिए यादगार का एक पत्थर लगाऊँगा। मेरे नगर में उनका नाम याद किया जायेगा। हाँ! मैं उन्हें पुत्र—पुत्रियों से भी कुछ अच्छा दूँगा। उन हिजड़ों को मैं एक नाम दूँगा जो सदा—सदा बना रहेगा। मेरे लोगों से वे काट कर अलग नहीं किये जायेंगे।”
मैं उन लोगों को अपने पवित्र पर्वत पर लाऊँगा। अपने प्रार्थना भवन में मैं उन्हें आनन्द से भर दूँगा। वे जो भेंट और बलियाँ मुझे अर्पित करेंगे, मैं उनसे प्रसन्न होऊँगा। क्यों क्योंकि मेरा मन्दिर सभी जातियों का प्रार्थना का गृह कहलायेगा।”
“किन्तु तुम लोग, जिन्होंने यहोवा को त्याग दिया है, दण्डित किये जाओगे। तुम ऐसे लोग हो जिन्होंने मेरे पवित्र पर्वत को भुला दिया है। तुम ऐसे लोग हो जो भाग्य के मिथ्या देवता की पूजा करते हो। तुम भाग्य रूपी झूठे देवता के सहारे रहते हो।
वे तुम्हारे सभी भाइयों और बहनों को सभी देशों से यहाँ ले आयेंगे। तुम्हारे भाइयों और बहनों को वे मेरे पवित्र पर्वत पर यरूशलेम में ले आयेंगे। तुम्हारे भाई बहन यहाँ घोड़ों, खच्चरों, ऊँटों, रथों और पालकियों में बैठ कर आयेंगे। तुम्हारे वे भाई—बहन यहाँ उसी प्रकार से उपहार के रूप में लाये जायेंगे जैसे इस्राएल के लोग शुद्ध थालों में रख कर यहोवा के मन्दिर में अपने उपहार लाते हैं।
मैं चाहता हूँ कि वे लोग अब मेरे लोगों की तरह रहना सीख लें। बीते समय में उन लोगों ने हमारे लोगों को शपथ खाने के लिये बाल के नाम का उपयोग करना सिखाया। अब, मैं चाहता हूँ कि वे लोग अपना पाठ ठीक वैसे ही अच्छी तरह पढ़ लें। मैं चाहता हूँ कि वे लोग मेरे नाम का उपयोग करना सीखें। मैं चाहता हूँ कि वे लोग कहें, ‘क्योंकि यहोवा शाश्वत है।’ यदि वे लोग वैसा करते हैं तो मैं उन्हें सफल होने दूँगा और उन्हें अपने लोगों के बीच रहने दूँगा।
उन्होंने कहा, “मीकायाह नबी मोरसेती नगर का था। मीकायाह उन दिनों नबी था जिन दिनों हिजकिय्याह यहूदा का राजा था। मीकायाह ने यहूदा के सभी लोगों से यह कहा: सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है: “सिय्योन एक जुता हुआ खेत बनेगा। यरूशलेम चट्टानों की ढेर होगा। जिस पहाड़ी पर मन्दिर बना है उस पर पेड़ उगेंगे।”
वह समय आएगा, जब एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश का चौकीदार यह सन्देश घोषित करेगा: ‘आओ, हम अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करने सिय्योन चलें!’ एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश के चौकीदार भी उसी सन्देश की घोषणा करेंगे।”
दर्शन में परमेश्वर मुझे इस्राएल देश ले गया। उसने मुझे एक बहुत ऊँचे पर्वत के समीप उतारा। पर्वत पर एक भवन था जो नगर के समान दिखता था।
इसके बाद इस्राएल के लोग वापस लौट आयेंगे और तब वे अपने यहोवा परमेश्वर और अपने राजा दाऊद की खोज करेंगे। अंतिम दिनों में वे यहोवा को और उसकी नेकी को आदर देने आयेंगे।
आओ, यहोवा के विषय में जानकारी करें। आओ, यहोवा को जानने का कठिन जतन करें। हमको इसका पता है कि वह आ रहा है वैसे ही जैसे हम को ज्ञान है कि प्रभात आ रहा है। यहोवा हमारे पास वैसे ही आयेगा जैसे कि बसंत कि वह वर्षा आती है जो धरती को सींचती है।
अनेक जातियाँ यहाँ आ कर कहेंगी, “आओ! चलो, यहोवा के पहाड़ के ऊपर चलें। याकूब के परमेश्वर के मन्दिर चलें। फिर परमेश्वर हमको अपनी राह सिखायेगा और फिर हम उसके पथ में बढ़ते चले जायेंगे।” क्यों क्योंकि परमेश्वर की शिक्षाएँ सिय्योन से आयेंगी और यहोवा का वचन यरूशलेम से आयेगा।
“इसलिये जो कोई भी मेरे इन शब्दों को सुनता है और इन पर चलता है उसकी तुलना उस बुद्धिमान मनुष्य से होगी जिसने अपना मकान चट्टान पर बनाया,
और पापों की क्षमा के लिए मनफिराव का यह संदेश यरूशलेम से आरंभ होकर सब देशों में प्रचारित किया जाएगा। तुम इन बातों के साक्षी हो।
तुम सामरी लोग उसे नहीं जानते जिसकी आराधना करते हो। पर हम यहूदी उसे जानते हैं जिसकी आराधना करते हैं। क्योंकि उद्धार यहूदियों में से ही है।
यदि मनुष्य वह करना चाहे, जो परम पिता की इच्छा है तो वह यह जान जायेगा कि जो उपदेश मैं देता हूँ वह उसका है या मैं अपनी ओर से दे रहा हूँ।
बल्कि जब पवित्र आत्मा तुम पर आयेगा, तुम्हें शक्ति प्राप्त हो जायेगी, और यरूशलेम में, समूचे यहूदिया और सामरिया में और धरती के छोरों तक तुम मेरे साक्षी बनोगे।”
इसीलिए मैंने तुरंत तुझे बुलवा भेजा और तूने यहाँ आने की कृपा करके बहुत अच्छा किया। सो अब प्रभु ने जो कुछ आदेश तुझे दिये हैं, उस सब कुछ को सुनने के लिये हम सब यहाँ परमेश्वर के सामने उपस्थित हैं।”
किन्तु मैं कहता हूँ, “क्या उन्होंने हमारे उपदेश को नहीं सुना?” हाँ, निश्चय ही। शास्त्र कहता है: “उनका स्वर समूची धरती पर फैल गया, और उनके वचन जगत के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँचा।”
वे लोगों का आहवान करेंगे अपने गिरि पर, वहाँ करेंगे भेंट सभी सच्ची बलि क्यों? क्योंकि वे लोग सागर से निकालते हैं धन और पाएंगे बालू में छिपा हुआ जो धन है।”
“जिन आदेशों, विधियों और नियमों को यहोवा, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें सिखाने को मुझे कहा है, वे ये हैं। इनका पालन उस देश में करो जिसमे रहने के लिए तुम प्रवेश कर रहे हो।
किन्तु जो परमेश्वर की उस सम्पूर्ण व्यवस्था को निकटता से देखता है, जिससे स्वतन्त्रता प्राप्त होती है और उसी पर आचरण भी करता रहता है, और सुन कर उसे भूले बिना अपने आचरण में उतारता रहता है, वही अपने कर्मों के लिए धन्य होगा।