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मरकुस 9:32 - पवित्र बाइबल

पर वे इस बात को समझ नहीं सके और यीशु से इसे पूछने में डरते थे।

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Hindi Holy Bible

पर यह बात उन की समझ में नहीं आई, और वे उस से पूछने से डरते थे॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

किन्‍तु शिष्‍य येशु की यह बात नहीं समझ सके और वे येशु से प्रश्‍न पूछने से डरते थे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

पर यह बात उन की समझ में नहीं आई, और वे उससे पूछने से डरते थे।

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नवीन हिंदी बाइबल

परंतु वे इस बात को नहीं समझे और उससे पूछने से डरते थे।

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सरल हिन्दी बाइबल

किंतु यह विषय शिष्यों की समझ से परे रहा तथा वे इसका अर्थ पूछने में डर भी रहे थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

पर यह बात उनकी समझ में नहीं आई, और वे उससे पूछने से डरते थे।

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मरकुस 9:32
12 क्रॉस रेफरेंस  

बाद में, जब उसके ग्यारहों शिष्य भोजन कर रहे थे, वह उनके सामने प्रकट हुआ और उसने उन्हें उनके अविश्वास और मन की जड़ता के लिए डाँटा फटकारा क्योंकि इन्होंने उनका विश्वास ही नहीं किया था जिन्होंने जी उठने के बाद उसे देखा था।


तब उसने उनसे कहा, “क्या तुम भी कुछ नहीं समझे? क्या तुम नहीं देखते कि कोई भी वस्तु जो किसी व्यक्ति में बाहर से भीतर जाती है, वह उसे दूषित नहीं कर सकती।


किन्तु यीशु ने पीछे मुड़कर अपने शिष्यों पर दृष्टि डाली और पतरस को फटकारते हुए बोला, “शैतान, मुझसे दूर हो जा! तू परमेश्वर की बातों से सरोकार नहीं रखता, बल्कि मनुष्य की बातों से सरोकार रखता है।”


सो उन्होंने इस बात को अपने भीतर ही रखा। किन्तु वे सोच विचार कर रहे थे कि “मर कर जी उठने” का क्या अर्थ है?


इनमें से कोई भी बात वे नहीं समझ सके। यह कथन उनसे छिपा ही रह गया। वे समझ नहीं सके कि वह किस विषय में बता रहा था।


किन्तु यीशु ने उन्हें जो उत्तर दिया था, वे उसे समझ नहीं पाये।


फिर पवित्र शास्त्रों को समझने केलिये उसने उनकी बुद्धि के द्वार खोल दिये।


किन्तु वे इस बात को नहीं समझ सके। यह बात उनसे छुपी हुई थी। सो वे उसे जान नहीं पाये। और वे उस बात के विषय में उससे पूछने से डरते थे।


पहले तो उसके अनुयायी इसे समझे ही नहीं किन्तु जब यीशु की महिमा प्रकट हुई तो उन्हें याद आया कि शास्त्र में ये बातें उसके बारे में लिखी हुई थीं—और लोगों ने उसके साथ ऐसा व्यवहार किया था।


यीशु समझ गया कि वे उससे प्रश्न करना चाहते हैं। इसलिये उसने उनसे कहा, “क्या तुम मैंने यह जो कहा है, उस पर आपस में सोच-विचार कर रहे हो, ‘कुछ ही समय बाद तुम मुझे और अधिक नही देख पाओगे।’ और ‘फिर थोड़े समय बाद तुम मुझे देखोगे?’


तभी उसके शिष्य वहाँ लौट आये। और उन्हें यह देखकर सचमुच बड़ा आश्चर्य हुआ कि वह एक स्त्री से बातचीत कर रहा है। पर किसी ने भी उससे कुछ कहा नहीं, “तुझे इस स्त्री से क्या लेना है या तू इससे बातें क्यों कर रहा है?”