मनुष्य के मुख के भीतर जो जाता है वह उसे अपवित्र नहीं करता, बल्कि उसके मुँह से निकला हुआ शब्द उसे अपवित्र करता है।”
मरकुस 7:18 - पवित्र बाइबल तब उसने उनसे कहा, “क्या तुम भी कुछ नहीं समझे? क्या तुम नहीं देखते कि कोई भी वस्तु जो किसी व्यक्ति में बाहर से भीतर जाती है, वह उसे दूषित नहीं कर सकती। Hindi Holy Bible उस ने उन से कहा; क्या तुम भी ऐसे ना समझ हो? क्या तुम नहीं समझते, कि जो वस्तु बाहर से मनुष्य के भीतर जाती है, वह उसे अशुद्ध नहीं कर सकती? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु ने कहा, “क्या तुम लोग भी इतने नासमझ हो? क्या तुम यह नहीं समझते कि जो कुछ बाहर से मनुष्य में प्रवेश करता है, वह उसे अशुद्ध नहीं कर सकता? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने उनसे कहा, “क्या तुम भी ऐसे नासमझ हो? क्या तुम नहीं समझते कि जो वस्तु बाहर से मनुष्य के भीतर जाती है, वह उसे अशुद्ध नहीं कर सकती? नवीन हिंदी बाइबल तब उसने उनसे कहा,“क्या तुम भी ऐसे नासमझ हो? क्या तुम नहीं जानते कि कोई भी वस्तु जो बाहर से मनुष्य के भीतर जाती है, वह उसे अशुद्ध नहीं कर सकती? सरल हिन्दी बाइबल इसके उत्तर में मसीह येशु ने कहा, “क्या तुममें भी बुद्धि का इतना अभाव है? क्या तुम्हें समझ नहीं आया कि जो कुछ मनुष्य में बाहर से प्रवेश करता है, उसे अशुद्ध नहीं कर सकता इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने उनसे कहा, “क्या तुम भी ऐसे नासमझ हो? क्या तुम नहीं समझते, कि जो वस्तु बाहर से मनुष्य के भीतर जाती है, वह उसे अशुद्ध नहीं कर सकती? |
मनुष्य के मुख के भीतर जो जाता है वह उसे अपवित्र नहीं करता, बल्कि उसके मुँह से निकला हुआ शब्द उसे अपवित्र करता है।”
क्यों नहीं समझते कि मैंने तुमसे रोटियों के बारे में नहीं कहा? मैंने तो तुम्हें फरीसियों और सदूकियों के ख़मीर से बचने को कहा है।”
उसने उनसे कहा, “यदि तुम इस दृष्टान्त को नहीं समझते तो किसी भी और दृष्टान्त को कैसे समझोगे?
फिर जब भीड़ को छोड़ कर वह घर के भीतर गया तो उसके शिष्यों ने उससे इस दृष्टान्त के बारे में पूछा।
क्योंकि वह उसके हृदय में नहीं, पेट में जाती है और फिर पखाने से होकर बाहर निकल जाती है।” (ऐसा कहकर उसने खाने की सभी वस्तुओं को शुद्ध कहा।)
तब यीशु ने उनसे कहा, “तुम कितने मूर्ख हो और नबियों ने जो कुछ कहा, उस पर विश्वास करने में कितने मंद हो।
मैंने तुम्हें पीने को दूध दिया, ठोस आहार नहीं; क्योंकि तुम अभी उसे खा नहीं सकते थे और न ही तुम इसे आज भी खा सकते हो
इसके विषय में हमारे पास कहने को बहुत कुछ है, पर उसकी व्याख्या कठिन है क्योंकि तुम्हारी समझ बहुत धीमी है।