अत: एलिय्याह अहाब के पास गया। अहाब ने एलिय्याह को देखा और कहा, “तुमने मुझे फिर पा लिया है। तुम सदा मेरे विरुद्ध हो।” एलिय्याह ने उत्तर दिया, “हाँ, मैंने तुम्हें पुन: पा लिया है। तुमने सदा अपने जीवन का उपयोग यहोवा के विरुद्ध पाप करने में किया।
मरकुस 6:20 - पवित्र बाइबल क्योंकि हेरोदेस यूहन्ना से डरता था। हेरोदेस जानता था कि यूहन्ना एक सच्चा और पवित्र पुरुष है, इसीलिये वह उसकी रक्षा करता था। हेरोदेस जब यूहन्ना की बातें सुनता था तो वह बहुत घबराता था, फिर भी उसे उसकी बातें सुनना बहुत भाता था। Hindi Holy Bible क्योंकि हेरोदेस यूहन्ना को धर्मी और पवित्र पुरूष जानकर उस से डरता था, और उसे बचाए रखता था, और उस की सुनकर बहुत घबराता था, पर आनन्द से सुनता था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि हेरोदेस योहन को धर्मात्मा और पवित्र पुरुष जान कर उनसे डरता था और उनकी रक्षा करता था। हेरोदेस उनके उपदेश सुन कर बड़े असमंजस में पड़ जाता था। फिर भी, वह उनकी बातें आनन्द से सुनता था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि हेरोदेस यूहन्ना को धर्मी और पवित्र पुरुष जानकर उससे डरता था, और उसे बचाए रखता था, और उसकी बातें सुनकर बहुत घबराता था, पर आनन्द से सुनता था। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि हेरोदेस यूहन्ना को एक धर्मी और पवित्र व्यक्ति जानकर उससे डरता और उसकी रक्षा करता था। वह उसकी बातें सुनकर बहुत घबराता था फिर भी आनंद से उसकी सुनता था। सरल हिन्दी बाइबल हेरोदेस योहन से डरता था क्योंकि वह जानता था कि योहन एक धर्मी और पवित्र व्यक्ति हैं. हेरोदेस ने योहन को सुरक्षित रखा था. योहन के प्रवचन सुनकर वह घबराता तो था फिर भी उसे उनके प्रवचन सुनना बहुत प्रिय था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि हेरोदेस यूहन्ना को धर्मी और पवित्र पुरुष जानकर उससे डरता था, और उसे बचाए रखता था, और उसकी सुनकर बहुत घबराता था, पर आनन्द से सुनता था। |
अत: एलिय्याह अहाब के पास गया। अहाब ने एलिय्याह को देखा और कहा, “तुमने मुझे फिर पा लिया है। तुम सदा मेरे विरुद्ध हो।” एलिय्याह ने उत्तर दिया, “हाँ, मैंने तुम्हें पुन: पा लिया है। तुमने सदा अपने जीवन का उपयोग यहोवा के विरुद्ध पाप करने में किया।
एलीशा बीमार पड़ा। बाद में एलीशा बीमारी से मर गया। इस्राएल का राजा यहोआश एलीशा से मिलने गया। यहोआश एलीशा के लिये रोया। यहोआश ने कहा, “मेरे पिता! मेरे पिता! क्या यह इस्राएल के रथों और घोड़ों के लिये समय है?”
इस्राएल के राजा ने अरामी सेना को देखा। इस्राएल के राजा ने एलीशा से पूछा, “मेरे पिता, क्या मैं इन्हें मार डालूँ क्या मैं इन्हें मार डालूँ”
उज्जिय्याह ने परमेश्वर का अनुसरण जकर्याह के जीवन—काल में किया। जकर्याह ने उज्जिय्याह को शिक्षा दी कि परमेश्वर का सम्मान और उसकी आज्ञा का पालन कैसे किया जाता है। जब उज्जिय्याह यहोवा की आज्ञा का पालन कर रहा था तब परमेश्वर ने उसे सफलता दिलाई।
यहोवा मिस्रियों को तुम लोगों पर कृपालु बनाएगा। मिस्री लोग, यहाँ तक कि फ़िरौन के अधिकारी भी पहले से मूसा को महान पुरुष समझते हैं।’”
“तुम इन लोगों की दृष्टि में प्रेमगीत गाने वाले गायक से अधिक नहीं हो। तुम्हारा स्वर अच्छा है। तुम अपना वाद्य अच्छा बजाते हो। वे तुम्हारा सन्देश सुनेंगे किन्तु वे वह नहीं करेंगे जो तुम कहते हो।
“बस मैंने (राजा नबूकदनेस्सर ने) सपने में यही देखा है। अब हे बेलतशस्सर! तु मुझे यह बता कि इस सपने का अर्थ क्या है मेरे राज्य का कोई भी बुद्धिमान पुरूष मुझे यह सपने का फल नही बता पा रहा है। किन्तु हे बेलतशस्सर, तू मेरे इस सपने की व्याख्या कर सकता है क्योंकि तुझमें पवित्र परमेश्वर की आत्मा निवास करती है।”
इसलिये हे राजन, आप कृपा करके मेरी सलाह मानें। मैं आपको यह सलाह देता हूँ कि आप पाप करना छोड़ दें और जो उचित है, वही करें। कुकर्मो का त्याग कर दें। गरीबों पर दयालु हों। तभी आप सफल बने रह सकेंगे।”
इसके बाद दानिय्येल ने राजा को उत्तर देते हुए कहा, “हे राजा बेलशस्सर, तुम अपने उपहार अपने पास रखो, अथवा चाहो तो उन्हें किसी और को दे दो। मैं तुम्हें वैसे ही दीवार की लिखावट पढ़ दूँगा और उसका अर्थ क्या है, यह तुम्हें समझा दूँगा।
सो हेरोदेस उसे मार डालना चाहता था, पर वह लोगों से डरता था क्योंकि लोग यूहन्ना को नबी मानते थे।
किन्तु यदि हम कहते हैं ‘मनुष्य से’ तो हमें लोगों का डर है क्योंकि वे यूहन्ना को एक नबी मानते हैं।”
जब प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों ने यह सुना तो वे उसे मारने का कोई रास्ता ढूँढने लगे। क्योंकि भीड़ के सभी लोग उसके उपदेश से चकित थे। इसलिए वे उससे डरते थे।
“और कुछ लोग ऐसे हैं जैसे पथरीली धरती में बोया बीज। जब वे वचन को सुनते हैं तो उसे तुरन्त आनन्द के साथ अपना लेते हैं।
यूहन्ना उस दीपक की तरह था जो जलता है और प्रकाश देता है। और तुम कुछ समय के लिए उसके प्रकाश का आनन्द लेना चाहते थे।
मन्दिर के रखवालों के मुखिया ने और महायाजकों ने जब ये शब्द सुने तो वे उनके बारे में चक्कर में पड़ गये और सोचने लगे, “अब क्या होगा।”