क्यों क्योंकि इस्राएल के परिवार, मैं हर एक व्यक्ति के साथ न्याय केवल उसके उन कर्मों के लिये करुँगा जिन्हें वह व्यक्ति करता है!” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं: “इसलिये मेरे पास लौटो! पाप करना छोड़ो! उन भयंकर चीजों (मूर्तियों) को अपने द्वारा पाप मत करने दो!
इसलिये तुम लोग जाओ और समझो कि शास्त्र के इस वचन का अर्थ क्या है, ‘मैं बलिदान नहीं चाहता बल्कि दया चाहता हूँ।’ मैं धर्मियों को नहीं, बल्कि पापियों को बुलाने आया हूँ।”
“नीनवे के लोग न्याय के दिन इस पीढ़ी के लोगों के विरोध में खड़े होकर उन पर दोष लगायेंगे क्योंकि उन्होंने योना के उपदेश को सुन कर मन फिराया था। और देखो अब तो योना से भी महान कोई यहाँ है!
मैं तुमसे कहता हूँ, इसी प्रकार किसी एक मन फिराने वाले पापी के लिये, उन निन्यानबे धर्मी पुरुषों से, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं है, स्वर्ग में कहीं अधिक आनन्द मनाया जाएगा।
विश्वासियों ने जब यह सुना तो उन्होंने प्रश्न करना बन्द कर दिया। वे परमेश्वर की महिमा करते हुए कहने लगे, “अच्छा, तो परमेश्वर ने विधर्मियों तक को मन फिराव का वह अवसर दिया है, जो जीवन की ओर ले जाता है!”
पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ और अपने पापों की क्षमा पाने के लिये तुममें से हर एक को यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लेना चाहिये। फिर तुम पवित्र आत्मा का उपहार पा जाओगे।
यहूदियों और यूनानियों को मैं समान भाव से मन फिराव के परमेश्वर की तरफ़ मुड़ने को कहता रहा हूँ और हमारे प्रभु यीशु में विश्वास के प्रति उन्हें सचेत करता रहा हूँ।
बल्कि उसके विपरीत मैं पहले उन्हें दमिश्क में, फिर यरूशलेम में और यहूदिया के समूचे क्षेत्र में और ग़ैर यहूदियों को भी उपदेश देता रहा कि मनफिराव के, परमेश्वर की ओर मुड़े और मनफिराव के योग्य काम करें।