यहोशापात की सेना तकोआ मरुभूमि में बहुत सवेरे गई। जब वे बढ़ना आरम्भ कर रहे थे, यहोशापात खड़ा हुआ और उसने कहा, “यहूदा और यरूशलेम के लोगो, मेरी सुनो। अपने यहोवा परमेश्वर में विश्वास रखो और तब तुम शक्ति के साथ खड़े रहोगे। यहोवा के नबियों में विश्वास रखो। तुम लोग सफल होगे!”
जब तक इस्राएल की राजधानी शोमरोन है और जब तक शोमरोन का राजा रमल्याह का पुत्र है तब तक उनकी योजनाएँ सफल नहीं होंगी। यदि इस सन्देश पर तू विश्वास नहीं करेगा तो लोग तुझ पर विश्वास नहीं करेंगे।”
यीशु ने उन्हें बताया, “क्योंकि तुममें विश्वास की कमी है। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ, यदि तुममें राई के बीज जितना भी विश्वास हो तो तुम इस पहाड़ से कह सकते हो ‘यहाँ से हट कर वहाँ चला जा’ और वह चला जायेगा। तुम्हारे लिये असम्भव कुछ भी नहीं होगा।”
यीशु ने उत्तर देते हुए उनसे कहा, “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ। यदि तुम में विश्वास है और तुम संदेह नहीं करते तो तुम न केवल वह कर सकते हो जो मैंने अंजीर के पेड़ का किया। बल्कि यदि तुम इस पहाड़ से कहो, ‘उठ और अपने आप को सागर में डुबो दे’ तो वही हो जायेगा।
यह इसलिए हुआ कि जब तुम्हें बपतिस्मा में उसके साथ गाड़ दिया गया तो जिस परमेश्वर ने उसे मरे हुओं के बीच से जिला दिया था, उस परमेश्वर के कार्य में तुम्हारे विश्वास के कारण, उसी के साथ तुम्हें भी पुनःजीवित कर दिया गया।
पौलुस की ओर से जिसे परमेश्वर के चुने हुए लोगों को उनके विश्वास में सहायता देने के लिये और हमारे धर्म की सच्चाई के सम्पूर्ण ज्ञान की रहनुमाई के लिए भेजा गया है;