पहले लोग सोचा करते थे कि जबूलून और नप्ताली की धरती महत्वपूर्ण नहीं है। किन्तु बाद में परमेश्वर उस धरती को महान बनायेगा। समुद्र के पास की धरती पर, यरदन नदी के पार और गालील में गैर यहूदी लोग रहते हैं।
मत्ती 15:29 - पवित्र बाइबल फिर यीशु वहाँ से चल पड़ा और झील गलील के किनारे पहुँचा। वह एक पहाड़ पर चढ़ कर उपदेश देने बैठ गया। Hindi Holy Bible यीशु वहां से चलकर, गलील की झील के पास आया, और पहाड़ पर चढ़कर वहां बैठ गया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु वहाँ से चले गये और गलील की झील के तट पर पहुँचे। वह एक पहाड़ी पर चढ़े और वहाँ बैठ गये। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यीशु वहाँ से गलील की झील के पास आया, और पहाड़ पर चढ़कर बैठ गया। नवीन हिंदी बाइबल फिर यीशु वहाँ से निकलकर गलील की झील के किनारे आया, और पहाड़ पर चढ़कर वहाँ बैठ गया। सरल हिन्दी बाइबल वहां से येशु गलील झील के तट से होते हुए पर्वत पर चले गए और वहां बैठ गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यीशु वहाँ से चलकर, गलील की झील के पास आया, और पहाड़ पर चढ़कर वहाँ बैठ गया। |
पहले लोग सोचा करते थे कि जबूलून और नप्ताली की धरती महत्वपूर्ण नहीं है। किन्तु बाद में परमेश्वर उस धरती को महान बनायेगा। समुद्र के पास की धरती पर, यरदन नदी के पार और गालील में गैर यहूदी लोग रहते हैं।
बहुत से लोग उसके चारों तरफ इकट्ठे हो गये। सो वह एक नाव पर चढ़ कर बैठ गया। और भीड़ किनारे पर खड़ी रही।
जब यीशु गलील की झील के पास से जा रहा था उसने दो भाईयों को देखा शमौन (जो पतरस कहलाया) और उसका भाई अंद्रियास। वे झील में अपने जाल डाल रहे थे। वे मछुआरे थे।
यीशु ने जब यह बड़ी भीड़ देखी, तो वह एक पहाड़ पर चला गया। वहाँ वह बैठ गया और उसके अनुयायी उसके पास आ गये।
जब यीशु गलील झील के किनारे से हो कर जा रहा था उसने शमौन और शमौन के भाई अन्द्रियास को देखा। क्योंकि वे मछुवारे थे इसलिए झील में जाल डाल रहे थे।
बात यूँ हुई कि भीड़ में लोग यीशु को चारों ओर से घेर कर जब परमेश्वर का वचन सुन रहे थे और वह गन्नेसरत नामक झील के किनारे खड़ा था।
इसके बाद झील तिबिरियास पर यीशु ने शिष्यों के सामने फिर अपने आपको प्रकट किया। उसने अपने आपको इस तरह प्रकट किया।
तिबिरियास की कुछ नाव उस स्थान के पास आकर रुकीं, जहाँ उन्होंने प्रभु को धन्यवाद देने के बाद रोटी खायी थी।
वह गिलगाल से मृत सागर (खारा सागर) तक यरदन के पूर्व के प्रदेश पर भी शासन करता था और बेत्यशीमोत से दक्षिण पिसगा की पहाड़ियों तक शासन करता था।