उस समय यिशै के परिवार में एक विशेष व्यक्ति होगा। यह व्यक्ति एक ध्वजा के समान होगा। यह “ध्वजा” दर्शायेगी कि समस्त राष्ट्रों को उसके आसपास इकट्ठा हो जाना चाहिये। ये राष्ट्र उससे पूछा करेंगे कि उन्हें क्या करना चाहिये और वह स्थान, जहाँ वह होगा, भव्यता से भर जायेगा।
फिर यीशु के पास लोग एक ऐसे अन्धे को लाये जो गूँगा भी था क्योंकि उस पर दुष्ट आत्मा सवार थी। यीशु ने उसे चंगा कर दिया और इसीलिये वह गूँगा अंधा बोलने और देखने लगा।
परमेश्वर अपने संत जनों को यह प्रकट कर देना चाहता था कि वह रहस्यपूर्ण सत्य कितना वैभवपूर्ण है। उसके पास यह रहस्यपूर्ण सत्य सभी के लिये है। और वह रहस्यपूर्ण सत्य यह है कि मसीह तुम्हारे भीतर ही रहता है और परमेश्वर की महिमा प्राप्त करने के लिये वही हमारी एक मात्र आशा है।