निश्चय ही तू नगर को नष्ट नहीं करेगा। बुरे लोगों को मारने के लिए तू पचास अच्छे लोगों को नष्ट नहीं करेगा। अगर ऐसा हुआ तो अच्छे और बुरे लोग एक ही हो जाएँगे, दोनों को ही दण्ड मिलेगा। तू पूरी पृथ्वी को न्याय देने वाला है। मैं जानता हूँ कि तू न्याय करेगा।”
परमेश्वर न्याय करता है। परमेश्वर इसका निर्णय करता है कि कौन व्यक्ति महान होगा। परमेश्वर ही किसी व्यक्ति को महत्वपूर्ण पद पर बिठाता है। और किसी दूसरे को निची दशा में पहुँचाता है।
किन्तु अपनी कठोरता और कभी पछतावा नहीं करने वाले मन के कारण उसके क्रोध को अपने लिए उस दिन के वास्ते इकट्ठा कर रहा है जब परमेश्वर का सच्चा न्याय प्रकट होगा।
उसके न्याय सदा सच्चे हैं, धर्म युक्त हैं, उस महती वेश्या का उसने न्याय किया है, जिसने अपने व्यभिचार से इस धरती को भ्रष्ट किया था जिनको उसने मार दिया उन दास जनों की हत्या का प्रतिशोध हो चुका।”