मैं संकट में था सो सहारा पाने को मैंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने मुझको उत्तर दिया और यहोवा ने मुझको मुक्त किया।
भजन संहिता 22:24 - पवित्र बाइबल क्योंकि यहोवा ऐसे मनुष्यों की सहायता करता है जो विपति में होते हैं। यहोवा उन से घृणा नहीं करता है। यदि लोग सहायता के लिये यहोवा को पुकारे तो वह स्वयं को उनसे न छिपायेगा। Hindi Holy Bible क्योंकि उसने दु:खी को तुच्छ नहीं जाना और न उससे घृणा करता है, ओर न उससे अपना मुख छिपाता है; पर जब उसने उसकी दोहाई दी, तब उसकी सुन ली॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि प्रभु ने पीड़ित व्यक्ति की पीड़ा का तिरस्कार नहीं किया, और न उसे घृणित ही समझा; उसने पीड़ित से अपना मुख नहीं छिपाया; किन्तु जब पीड़ित व्यक्ति ने प्रभु की दुहाई दी, तब उसने उसको सुना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि उसने दु:खी को तुच्छ नहीं जाना और न उससे घृणा करता है, और न उससे अपना मुख छिपाता है; पर जब उसने उसकी दोहाई दी, तब उसकी सुन ली। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि उसने दुःखी के दुःख को न तो तुच्छ जाना और न उससे घृणा की, और न ही उससे अपना मुख छिपाया है; पर जब भी उसने उसे सहायता के लिए पुकारा, तब उसकी सुन ली। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि याहवेह ने दुःखितों की शोचनीय, करुण स्थिति को न तो तुच्छ जाना और न ही उससे घृणा की. वह पीड़ितों की यातनाएं देखकर उनसे दूर न हुए, परंतु उन्होंने उनकी सहायता के लिए उनकी वाणी सुनी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि उसने दुःखी को तुच्छ नहीं जाना और न उससे घृणा करता है, यहोवा ने उससे अपना मुख नहीं छिपाया; पर जब उसने उसकी दुहाई दी, तब उसकी सुन ली। |
मैं संकट में था सो सहारा पाने को मैंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने मुझको उत्तर दिया और यहोवा ने मुझको मुक्त किया।
हे मेरे परमेश्वर, मैंने तुझे दिन में पुकारा किन्तु तूने उत्तर नहीं दिया, और मैं रात भर तुझे पुकाराता रहा।
तो क्या मैं सचमुच ही कोई कीड़ा हूँ, जो लोग मुझसे लज्जित हुआ करते हैं और मुझसे घृणा करते हैं
इस दीन जन ने यहोवा को सहायता के लिए पुकारा, और यहोवा ने मेरी सुन ली। और उसने सब विपत्तियों से मेरी रक्षा की।
मैं अपने सम्पूर्ण मन से कहूँगा, हे “यहोवा, तेरे समान कोई नहीं है। तू सबलों से दुर्बलों को बचाता है। जो जन शक्तिशाली होते हैं, उनसे तू वस्तुओं को छीन लेता है और दीन और असहाय लोगों को देता है।”
यीशु ने ऊँचे स्वर में पुकारा, “हे परम पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों सौंपता हूँ।” यह कहकर उसने प्राण छोड़ दिये।
यीशु ने इस धरती पर के जीवनकाल में जो उसे मृत्यु से बचा सकता था, ऊँचे स्वर में पुकारते हुए और रोते हुए उससे प्रार्थनाएँ तथा विनतियाँ की थीं और आदरपूर्ण समर्पण के कारण उसकी सुनी गयी।