निश्चय ही तू नगर को नष्ट नहीं करेगा। बुरे लोगों को मारने के लिए तू पचास अच्छे लोगों को नष्ट नहीं करेगा। अगर ऐसा हुआ तो अच्छे और बुरे लोग एक ही हो जाएँगे, दोनों को ही दण्ड मिलेगा। तू पूरी पृथ्वी को न्याय देने वाला है। मैं जानता हूँ कि तू न्याय करेगा।”
इन लोगों को मेरे पास आने को कहो। इन लोगों को अपने तर्क पेश करने दो।) “वे बातें जो बहुत दिनों पहले घटी थीं, उनके बारे में तुम्हें किसने बताया बहुत—बहुत दिनों पहले से ही इन बातों को निरन्तर कौन बताता रहा वह मैं यहोवा ही हूँ जिसने ये बातें बतायी थीं। मैं ही एक मात्र यहोवा हूँ। मेरे अतिरिक्त कोई और परमेश्वर नहीं है क्या ऐसा कोई और है जो अपने लोगों की रक्षा करता है नहीं, ऐसा कोई अन्य परमेश्वर नहीं है!
किन्तु परमेश्वर अब भी उस नगर में है और वह उनके प्रति लगातार न्यायपूर्ण बना रहा है। परमेश्वर कुछ भी बुरा नहीं करता। वह अपने लोगों की भलाई करता चला आ रहा है। लगातार हर सुबह वह अपने लोगों के साथ न्याय करता है। किन्तु बुरे लोग अपने किये बुरे कामों के लिये लज्जित नहीं हैं।
सिय्योन, आनन्दित हो! यरूशलेम के लोगों आनन्दघोष करो! देखो तुम्हारा राजा तम्हारे पास आ रहा है! वह विजय पानेवाला एक अच्छा राजा है। किन्तु वह विनम्र है। वह गधे के बच्चे पर सवार है, एक गधे के बच्चे पर सवार है।
“वह (यहोवा) हमारी चट्टान है— उसके सभी कार्य पूर्ण हैं! क्यों? क्योंकि उसके सभी मार्ग सत्य हैं! वह विश्वसनीय निष्पाप परमेश्वर, करता जो उचित और न्याय है।
फिर मैंने स्वर्ग को खुलते देखा और वहाँ मेरे सामने एक सफेद घोड़ा था। घोड़े का सवार विश्वसनीय और सत्य कहलाता था क्योंकि न्याय के साथ वह निर्णय करता है और युद्ध करता है।
उसके न्याय सदा सच्चे हैं, धर्म युक्त हैं, उस महती वेश्या का उसने न्याय किया है, जिसने अपने व्यभिचार से इस धरती को भ्रष्ट किया था जिनको उसने मार दिया उन दास जनों की हत्या का प्रतिशोध हो चुका।”
इन चारों ही प्राणियों के छह छह पंख थे। उनके चारों ओर तथा भीतर आँखें ही आँखें भरी पड़ीं थीं। दिन रात वे निरन्तर कहते रहते थे: “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर पवित्र है, पवित्र है, पवित्र है, जो था, जो है और जो आनेवाला है।”