दूसरे देशों के लोग क्यों इतनी हुल्लड़ मचाते हैं और लोग व्यर्थ ही क्यों षड़यन्त्र रचते हैं?
भजन संहिता 102:8 - पवित्र बाइबल मेरे शत्रु सदा मेरा अपमान करते है, और लोग मेरा नाम लेकर मेरी हँसी उड़ाते हैं। Hindi Holy Bible मेरे शत्रु लगातार मेरी नामधराई करते हैं, जो मेरे विराध की धुन में बावले हो रहे हैं, वे मेरा नाम लेकर शपथ खाते हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरे शत्रु दिन-भर मेरी निन्दा करते हैं; मुझ पर हंसने वाले मेरे नाम से शाप देते हैं! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मेरे शत्रु लगातार मेरी नामधराई करते हैं, जो मेरे विरोध की धुन में बावले हो रहे हैं, वे मेरा नाम लेकर शपथ खाते हैं। नवीन हिंदी बाइबल मेरे शत्रु दिन भर मेरी निंदा करते हैं; वे मेरा उपहास करते हैं और मुझे शाप देते हैं। सरल हिन्दी बाइबल दिन भर मैं शत्रुओं के ताने सुनता रहता हूं; जो मेरी निंदा करते हैं, वे मेरा नाम शाप के रूप में जाहिर करते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मेरे शत्रु लगातार मेरी नामधराई करते हैं, जो मेरे विरुद्ध ठट्ठा करते है, वह मेरे नाम से श्राप देते हैं। |
दूसरे देशों के लोग क्यों इतनी हुल्लड़ मचाते हैं और लोग व्यर्थ ही क्यों षड़यन्त्र रचते हैं?
मेरे शत्रु मेरे लिये अपशब्द कह रहे हैं, वे कहा रहे हैं, “यह कब मरेगा और कब भुला दिया जायेगा?”
मेरे शत्रु ने मुझसे दुर्वचन बोले हैं। दुष्ट जनों ने मुझ पर चीखा। मेरे शत्रु क्रोध कर मुझ पर टूट पड़े हैं। वे मुझे नाश करने विपति ढाते हैं।
निन्दा ने मुझको चकनाचूर कर दिया है! बस निन्दा के कारण मैं मरने पर हूँ। मैं सहानुभूति की बाट जोहता रहा, मैं सान्त्वना की बाट जोहता रहा, किन्तु मुझको तो कोई भी नहीं मिला।
मैं अतीत की बातें सोचते रहा। बहुत दिनों पहले जो बातें घटित हुई थी उनके विषय में मैं सोचता ही रहा।
तुम्हारे नाम मेरे लोगों के लिये गालियों के जैसे हो जायेंगे।” मेरा स्वामी यहोवा तुमको मार डालेगा और वह अपने दासों को एक नये नाम से बुलाया करेगा।
सभी यहूदी बन्दी उन लोगों का उपयोग उदाहरण के लिये तब करेंगे जब वे अन्य लोगों का बुरा होने की मांग करेंगे। वे बन्दी कहेंगे, ‘यहोवा तुम्हारे साथ सिदकिय्याह और अहाब के समान व्यवहार करे। बाबुल के राजा ने उन दोनों को आग में जला दिया!’
यहूदी आराधनालयों में मैं उन्हें प्राय: दण्ड दिया करता और परमेश्वर के विरोध में बोलने के लिए उन पर दबाव डालने का यत्न करता रहता। उनके प्रति मेरा क्रोध इतना अधिक था कि उन्हें सताने के लिए मैं बाहर के नगरों तक गया।
यहाँ तक कि मसीह ने भी स्वयं को प्रसन्न नहीं किया था। बल्कि जैसा कि मसीह के बारे में शास्त्र कहता है: “उनका अपमान जिन्होंने तेरा अपमान किया है, मुझ पर आ पड़ा है।”