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प्रेरितों के काम 26:25 - पवित्र बाइबल

पौलुस ने कहा, “हे परमगुणी फेस्तुस, मैं पागल नहीं हूँ बल्कि जो बातें मैं कह रहा हूँ, वे सत्य हैं और संगत भी।

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Hindi Holy Bible

परन्तु उस ने कहा; हे महाप्रतापी फेस्तुस, मैं पागल नहीं, परन्तु सच्चाई और बुद्धि की बातें कहता हूं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

पौलुस ने उत्तर दिया, “माननीय फ़ेस्‍तुस! मैं पागल नहीं हूं, बल्‍कि मैं सच्‍ची तथा विवेकपूर्ण बातें कर रहा हूँ।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परन्तु पौलुस ने कहा, “हे महामहिम् फेस्तुस, मैं पागल नहीं, परन्तु सच्‍चाई और बुद्धि की बातें कहता हूँ।

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नवीन हिंदी बाइबल

परंतु पौलुस ने कहा, “हे माननीय फेस्तुस, मैं पागल नहीं हूँ, बल्कि मैं सच्‍चाई और समझ की बातें बोलता हूँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

किंतु पौलॉस ने उत्तर दिया, “अत्यंत सम्मान्य फ़ेस्तुस महोदय, मेरी मति भ्रष्‍ट नहीं हुई है! मेरा कथन सच और ज्ञान के है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

परन्तु उसने कहा, “हे महाप्रतापी फेस्तुस, मैं पागल नहीं, परन्तु सच्चाई और बुद्धि की बातें कहता हूँ।

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प्रेरितों के काम 26:25
10 क्रॉस रेफरेंस  

शमायाह, तुमने सपन्याह को अपने पत्र में जो लिखा था वह यह है: ‘सपन्याह यहोवा ने यहोयादा के स्थान पर तुम्हें याजक बनाया है। तुम यहोवा के मन्दिर के अधिकारी हो। तुम्हें उस किसी को कैद कर लेना चाहिये जो पागल की तरह काम करता है और नबी की तरह व्यवहार करता है। तुम्हें उस व्यक्ति के पैरों को लकड़ी के बड़े टुकड़े के बीच रखना चाहिये और उसके गले में लौह—कटक पहनाना चाहिए।


हे मान्यवर थियुफिलुस! क्योंकि मैंने प्रारम्भ से ही सब कुछ का बड़ी सावधानी से अध्ययन किया है इसलिए मुझे यह उचित जान पड़ा कि मैं भी तुम्हारे लिये इसका एक क्रमानुसार विवरण लिखूँ।


यीशु ने उत्तर दिया, “मुझ पर कोई दुष्टात्मा नहीं है। बल्कि मैं तो अपने परम पिता का आदर करता हूँ और तुम मेरा अपमान करते हो।


महामहिम राज्यपाल फ़ेलिक्स को क्लोदियुस लूसियास का नमस्कार पहुँचे।


हे सर्वश्रेष्ट फेलिक्स, हम बड़ी कृतज्ञता के साथ इसे हर प्रकार से हर कहीं स्वीकार करते हैं।


उसे उस विश्वास करने योग्य संदेश को दृढ़ता से धारण किये रहना चाहिए जिसकी उसे शिक्षा दी गयी है, ताकि वह लोगों को सद्शिक्षा देकर उन्हें प्रबोधित कर सके। तथा जो इसके विरोधी हों, उनका खण्डन कर सके।


अपने मन में मसीह को प्रभु के रूप में आदर दो। तुम सब जिस विश्वास को रखते हो, उसके विषय में यदि कोई तुमसे पूछे तो उसे उत्तर देने के लिए सदा तैयार रहो।


एक बुराई का बदला दूसरी बुराई से मत दो। अथवा अपमान के बदले अपमान मत करो बल्कि बदले में आशीर्वाद दो क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हें ऐसा ही करने को बुलाया है। इसी से तुम्हें परमेश्वर के आशीर्वाद का उत्तराधिकार मिलेगा।