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प्रेरितों के काम 25:26 - पवित्र बाइबल

किन्तु इसके विषय में सम्राट के पास लिख भेजने को मेरे पास कोई निश्चित बात नहीं है। मैं इसे इसीलिये आप लोगों के सामने और विशेष रूप से हे महाराजा अग्रिप्पा! तुम्हारे सामने लाया हूँ ताकि इस जाँच पड़ताल के बाद लिखने को मेरे पास कुछ हो।

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Hindi Holy Bible

परन्तु मैं ने उसके विषय में कोई ठीक बात नहीं पाई कि अपने स्वामी के पास लिखूं, इसलिये मैं उसे तुम्हारे साम्हने और विशेष करके हे महाराजा अग्रिप्पा तेरे साम्हने लाया हूं, कि जांचने के बाद मुझे कुछ लिखने को मिले।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

हमारे प्रभु सम्राट को इसके विषय में लिखने की कोई निश्‍चित सामग्री मेरे पास नहीं है; इसलिए मैंने इस आशा से आप लोगों के सामने और विशेष रूप से आप ही के सामने, हे महाराज अग्रिप्‍पा! इस व्यक्‍ति को उपस्‍थित किया है, कि इसकी जाँच के बाद मुझे कुछ लिखने का आधार मिल जाये।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मैं ने उसके विषय में कोई निश्‍चित बात नहीं पाई कि अपने स्वामी के पास लिखूँ। इसलिये मैं उसे तुम्हारे सामने और विशेष करके हे राजा अग्रिप्पा, तेरे सामने लाया हूँ कि जाँचने के बाद मुझे कुछ लिखने को मिले।

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नवीन हिंदी बाइबल

मेरे पास उसके विषय में महाराजा को लिखने के लिए कोई निश्‍चित बात नहीं है; इसलिए मैं उसे तुम्हारे सामने और, हे राजा अग्रिप्पा, विशेष करके तेरे सामने लाया हूँ, ताकि जाँच होने पर मुझे लिखने के लिए कुछ मिल जाए।

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सरल हिन्दी बाइबल

फिर भी, उसके विषय में मेरे पास कुछ भी तय नहीं है जिसे लिखकर महाराजाधिराज की सेवा में प्रस्तुत किया जाए. यही कारण है कि मैंने उसे आप सबके सामने प्रस्तुत किया है—विशेष रूप से महाराज अग्रिप्पा आपके सामने, जिससे कि सारी जांच पूरी होने पर मुझे लिखने के लिए कुछ सबूत मिल जाएं, जो सम्राट की सेवा में प्रस्तुत किए जा सकें.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

परन्तु मैंने उसके विषय में कोई ठीक बात नहीं पाई कि महाराजाधिराज को लिखूँ, इसलिए मैं उसे तुम्हारे सामने और विशेष करके हे राजा अग्रिप्पा तेरे सामने लाया हूँ, कि जाँचने के बाद मुझे कुछ लिखने को मिले।

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प्रेरितों के काम 25:26
4 क्रॉस रेफरेंस  

किन्तु मैंने जाँच लिया है कि इसने ऐसा कुछ नहीं किया है कि इसे मृत्युदण्ड दिया जाये। क्योंकि इसने स्वयं सम्राट से पुनर्विचार की प्रार्थना की है इसलिये मैंने इसे वहाँ भेजने का निर्णय लिया है।


कुछ भी हो मुझे किसी बंदी को उसका अभियोग-पत्र तैयार किये बिना वहाँ भेज देना असंगत जान पड़ता है।”