मैं अज्ञान था। मैंने धनिकों और दुष्ट लोगों पर विचारा, और मैं व्याकुल हो गया। हे परमेश्वर, मैं तुझ पर क्रोधित हुआ! मैं निर्बुद्धि जानवर सा व्यवहार किया।
प्रेरितों के काम 2:37 - पवित्र बाइबल लोगों ने जब यह सुना तो वे व्याकुल हो उठे और पतरस तथा अन्य प्रेरितों से कहा, “तो बंधुओ, हमें क्या करना चाहिये?” Hindi Holy Bible तब सुनने वालों के हृदय छिद गए, और वे पतरस और शेष प्रेरितों से पूछने लगे, कि हे भाइयो, हम क्या करें? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह सुनकर वे मर्माहत हो गये और उन्होंने पतरस तथा अन्य प्रेरितों से पूछा, “भाइयो! हमें क्या करना चाहिए?” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब सुननेवालों के हृदय छिद गए, और वे पतरस और शेष प्रेरितों से पूछने लगे, “हे भाइयो, हम क्या करें?” नवीन हिंदी बाइबल यह सुनकर उनके हृदय छिद गए, और उन्होंने पतरस तथा अन्य प्रेरितों से पूछा, “भाइयो, हम क्या करें?” सरल हिन्दी बाइबल इस बात ने उनके हृदयों को छेद दिया. उन्होंने पेतरॉस और शेष प्रेरितों से जानना चाहा, “प्रियजन, अब हमारे लिए क्या करना सही है?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब सुननेवालों के हृदय छिद गए, और वे पतरस और अन्य प्रेरितों से पूछने लगे, “हे भाइयों, हम क्या करें?” |
मैं अज्ञान था। मैंने धनिकों और दुष्ट लोगों पर विचारा, और मैं व्याकुल हो गया। हे परमेश्वर, मैं तुझ पर क्रोधित हुआ! मैं निर्बुद्धि जानवर सा व्यवहार किया।
विवेकी पुरुषों के वचन उन नुकीली छड़ियों के जैसे होते हैं जिनका उपयोग पशुओं को उचित मार्ग पर चलाने के लिये किया जाता है। ये उपदेशक उन मज़बूत खूँटों के समान होते हैं जो कभी टूटते नहीं। जीवन का उचित मार्ग दिखाने के लिये तुम इन उपदेशकों पर विश्वास कर सकते हो। वे सभी विवेक पूर्ण शिक्षायें उसी गड़रिये (परमेश्वर) से आतीं है।
पहरेदार ने कहा, “भोर होने को है किन्तु रात फिर से आयेगी। यदि तुझे कोई बात पूछनी है तो लौट आ और मुझसे पूछ ले।”
“किन्तु कुछ लोग बच निकलेंगे। वे बचे लोग भाग कर पहाड़ों में चल जाएंगे। किन्तु वे लोग सुखी नहीं होंगे। वे अपने पापों के कारण दुःखी होंगे। वे चिल्लायेंगे और कबूतरों की तरह दुःख—भरी आवाज़ निकालेंगे।
मैं दाऊद के घर और यरूशलेम के निवासियों के हृदय में दया और करूणा की भावनाबरूंगा। वे मेरी ओर देखेंगे, जिसे उन्होंने छेद डाला था और वे बहुत दुखी होंगे वे इतने ही दुखी होंगे। वे इतने ही दुखी होंगे, जितना अपने इकलौते पुत्र की मृत्यु पर रोने वाला व्यक्ति, या अपने पहलौठे पुत्र की मृत्यु पर रोनेवाला व्यक्ति।
कुछ सैनिकों ने उससे पूछा, “और हमें क्या करना चाहिये?” सो उसने उन्हें बताया, “बलपूर्वक किसी से धन मत लो। किसी पर झूठा दोष मत लगाओ। अपने वेतन में संतोष करो।”
जब लोगों ने यह सुना तो सबसे पहले बूढ़े लोग और फिर और भी एक-एक करके वहाँ से खिसकने लगे और इस तरह वहाँ अकेला यीशु ही रह गया। यीशु के सामने वह स्त्री अब भी खड़ी थी।
“हे मेरे भाईयों, यीशु को बंदी बनाने वालों के अगुआ यहूदा के विषय में, पवित्र शास्त्र का वह लेख जिसे दाऊद के मुख से पवित्र आत्मा ने बहुत पहले ही कह दिया था, उसका पूरा होना आवश्यक था। वह हम में ही गिना गया था और इस सेवा में उसका भी भाग था।”
“मैंने पूछा, ‘हे प्रभु, मैं क्या करूँ?’ इस पर प्रभु ने मुझसे कहा, ‘खड़ा हो, और दमिश्क को चला जा। वहाँ तुझे वह सब बता दिया जायेगा, जिसे करने के लिये तुझे नियुक्त किया गया है।’
एक समय मैं बिना व्यवस्था के ही जीवित था, किन्तु जब व्यवस्था का आदेश आया तो पाप जीवन में उभर आया।