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प्रेरितों के काम 19:10 - पवित्र बाइबल

दो साल तक ऐसा ही होता रहा। इसका परिणाम यह हुआ कि सभी एशिया निवासी यहूदियों और ग़ैर यहूदियों ने प्रभु का वचन सुन लिया।

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Hindi Holy Bible

दो वर्ष तक यही होता रहा, यहां तक कि आसिया के रहने वाले क्या यहूदी, क्या यूनानी सब ने प्रभु का वचन सुन लिया।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यह क्रम दो वर्षों तक चलता रहा और इस तरह आसिया प्रदेश के निवासियों ने − चाहे वे यहूदी हों या यूनानी, सब ने प्रभु का वचन सुना।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

दो वर्ष तक यही होता रहा, यहाँ तक कि आसिया के रहनेवाले क्या यहूदी क्या यूनानी सब ने प्रभु का वचन सुन लिया।

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नवीन हिंदी बाइबल

दो वर्ष तक ऐसा होता रहा, जिससे आसिया में रहनेवाले सब यहूदियों और यूनानियों ने प्रभु का वचन सुना।

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सरल हिन्दी बाइबल

यह सब दो वर्ष तक होता रहा. इसके परिणामस्वरूप सारे आसिया प्रदेश में यहूदियों तथा यूनानियों दोनों ही ने प्रभु का संदेश सुना.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

दो वर्ष तक यही होता रहा, यहाँ तक कि आसिया के रहनेवाले क्या यहूदी, क्या यूनानी सब ने प्रभु का वचन सुन लिया।

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प्रेरितों के काम 19:10
23 क्रॉस रेफरेंस  

सो नगर-पति ने, जो कुछ घटा था, जब उसे देखा तो उसने विश्वास धारण किया। वह प्रभु सम्बन्धी उपदेशों से बहुत चकित हुआ।


सो वे फ्रूगिया और गलातिया के क्षेत्र से होकर निकले क्योंकि पवित्र आत्मा ने उन्हें एशिया में वचन सुनाने को मना कर दिया था।


सो पौलुस, वहाँ डेढ़ साल तक परमेश्वर के वचन की उनके बीच शिक्षा देते हुए, ठहरा।


हर सब्त के दिन वह यहूदी आराधनालयों में तर्क-वितर्क करके यहूदियों और यूनानियों को समझाने बुझाने का जतन करता।


इस प्रकार प्रभु का वचन अधिक प्रभावशाली होते हुए दूर दूर तक फैलने लगा।


सो उसने अपने तिमुथियुस और इरासतुस नामक दो सहायकों को मकिदुनिया भेज दिया और स्वयं एशिया में थोड़ा समय और बिताया।


फिर पौलुस यहूदी आराधनालय में चला गया और तीन महीने निडर होकर बोलता रहा। वह यहूदियों के साथ बहस करते हुए उन्हें परमेश्वर के राज्य के विषय में समझाया करता था।


वहाँ पारथी, मेदी और एलामी, मिसुपुतामिया के निवासी, यहूदिया और कप्पूदूकिया, पुन्तुस और एशिया।


उनके आने पर पौलुस ने उनसे कहा, “यह तुम जानते हो कि एशिया पहुँचने के बाद पहले दिन से ही हर समय मैं तुम्हारे साथ कैसे रहा हूँ


इसलिये सावधान रहना। याद रखना कि मैंने तीन साल तक एक एक को दिन रात रो रो कर सचेत करना कभी नहीं छोड़ा था।


किन्तु तथाकथित स्वतन्त्र किये गये लोगों के आराधनालय के कुछ लोग जो कुरेनी और सिकन्दरिया से तथा किलिकिया और एशिया से आये यहूदी थे, वे उसके विरोध में वाद-विवाद करने लगे।


मैं सुसमाचार के लिए शर्मिन्दा नहीं हूँ क्योंकि उसमें पहले यहूदी और फिर ग़ैर यहूदी जो भी उसमें विश्वास रखता है—उसके उद्धार के लिये परमेश्वर की सामर्थ्य है।


यह इसलिए है कि यहूदियों और ग़ैर यहूदियों में कोई भेद नहीं क्योंकि सब का प्रभु तो एक ही है। और उसकी दया उन सब के लिए, जो उसका नाम लेते है, अपरम्पार है।


किन्तु मैं कहता हूँ, “क्या उन्होंने हमारे उपदेश को नहीं सुना?” हाँ, निश्चय ही। शास्त्र कहता है: “उनका स्वर समूची धरती पर फैल गया, और उनके वचन जगत के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँचा।”


सो अब किसी में कोई अन्तर नहीं रहा न कोई यहूदी रहा, न ग़ैर यहूदी, न दास रहा, न स्वतन्त्र, न पुरुष रहा, न स्त्री, क्योंकि मसीह यीशु में तुम सब एक हो।


परिणामस्वरूप वहाँ यहूदी और ग़ैर यहूदी में कोई अन्तर नहीं रह गया है, न किसी ख़तना युक्त और ख़तना रहित में, न किसी असभ्य और बर्बर में, न दास और एक स्वतन्त्र व्यक्ति में कोई अन्तर है। मसीह सर्वेसर्वा है और सब विश्वासियों में उसी का निवास है।


जैसा कि तू जानता है कि वे सभी जो एशिया में रहते हैं, मुझे छोड़ गये हैं। फुगिलुस और हिरमुगिनेस उन्हीं में से हैं।


पतरस की ओर से, जो यीशु मसीह का प्रेरित है: परमेश्वर के उन चुने हुए लोगों के नाम जो पुन्तुस, गलातिया, कप्पदुकिया, एशिया और बिथुनिया के क्षेत्रों में सब कहीं फैले हुए हैं।


वह कह रही थी, “जो कुछ तू देख रहा है, उसे एक पुस्तक में लिखता जा और फिर उसे इफिसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थूआतीरा, सरदीस, फिलादेलफिया और लौदीकिया की सातों कलीसियाओं को भेज दे।”


यूहन्ना की ओर से एशिया प्रान्त में स्थित सात कलीसियाओं के नाम: उस परमेश्वर की ओर से जो वर्तमान है, जो सदा-सदा से था और जो आनेवाला है, उन सात आत्माओं की ओर से जो उसके सिंहासन के सामने हैं