बुद्धिमान की संगति, व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है। किन्तु मूर्खो का साथी नाश हो जाता है।
प्रेरितों के काम 17:4 - पवित्र बाइबल उनमें से कुछ जो सहमत हो गए थे, पौलुस और सिलास के मत में सम्मिलित हो गये। परमेश्वर से डरने वाले अनगिनत यूनानी भी उनमें मिल गये। इनमें अनेक महत्वपूर्ण स्त्रियाँ भी सम्मिलित थीं। Hindi Holy Bible उन में से कितनों ने, और भक्त यूनानियों में से बहुतेरों ने और बहुत सी कुलीन स्त्रियों ने मान लिया, और पौलुस और सीलास के साथ मिल गए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन में कुछ लोगों ने विश्वास किया और वे पौलुस तथा सीलास के साथ सम्मिलित हो गये। बहुत-से ईश्वर-भक्त यूनानियों और अनेक प्रतिष्ठित महिलाओं ने भी यही किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उनमें से कितनों ने, और भक्त यूनानियों में से बहुतों ने, और बहुत सी कुलीन स्त्रियों ने मान लिया, और पौलुस और सीलास के साथ मिल गए। नवीन हिंदी बाइबल उनमें से कुछ लोगों ने विश्वास किया और पौलुस तथा सीलास के साथ मिल गए, और ऐसा ही बड़ी संख्या में भक्त यूनानियों तथा बहुत सी प्रमुख स्त्रियों ने भी किया। सरल हिन्दी बाइबल कुछ यहूदी इस बात से आश्वस्त होकर पौलॉस और सीलास के साथ सहमत हो गए. इनके अलावा परमेश्वर के प्रति श्रद्धालु यूनानी और बड़ी संख्या में अनेक कुलीन महिलाएं भी इस विश्वासमत में शामिल हो गईं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उनमें से कितनों ने, और भक्त यूनानियों में से बहुतों ने और बहुत सारी प्रमुख स्त्रियों ने मान लिया, और पौलुस और सीलास के साथ मिल गए। |
बुद्धिमान की संगति, व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है। किन्तु मूर्खो का साथी नाश हो जाता है।
तुम अपनी दुर्बद्धि के मार्ग को छोड़ दो, तो जीवित रहोगे। तुम समझ—बूझ के मार्ग पर आगे बढ़ो।”
स्त्रियों में सुन्दरतम स्त्री, बता तेरा प्रियतम कहाँ चला गया किस राह से तेरा प्रियतम चला गया है हमें बता ताकि हम तेरे साथ उसको ढूँढ सके।
उस समय अनेक राष्ट्रों के लोग मेरे पास आएंगे और वे मेरे लोग हो जायेंगे। मैं तुम्हारे नगर में रहूँगा और तुम जानोगे कि सर्वशक्तिमान यहोवा ने मुझे तुम्हारे पास भजा है।”
इसके बाद यहूदी नेता आपस में बात करने लगे, “यह कहाँ जाने वाला है जहाँ हम इसे नहीं ढूँढ पायेंगे। शायद यह वहीं तो नहीं जा रहा है जहाँ हमारे लोग यूनानी नगरों में तितर-बितर हो कर रहते हैं। क्या यह यूनानियों में उपदेश देगा?
जब सभा समाप्त हुई तो बहुत से यहूदियों और ग़ैर यहूदी भक्तों ने पौलुस और बरनाबास का अनुसरण किया। पौलुस और बरनाबास ने उनसे बातचीत करते हुए आग्रह किया कि वे परमेश्वर के अनुग्रह में स्थिति बनाये रखें।
उधर यहूदियों ने उच्च कुल की भक्त महिलाओं और नगर के प्रमुख व्यक्तियों को भड़काया तथा पौलुस और बरनाबास के विरुद्ध अत्याचार करने आरम्भ कर दिये और दबाव डाल कर उन्हें अपने क्षेत्र से बाहर निकलवा दिया।
इसी प्रकार पौलुस और बरनाबास इकुनियुम में यहूदी आराधनालय में गये। वहाँ उन्होंने इस ढंग से व्याख्यान दिया कि यहूदियों के एक विशाल जनसमूह ने विश्वास धारण किया।
फिर प्रेरितों और बुजुर्गों ने समूचे कलीसिया के साथ यह निश्चय किया कि उन्हीं में से कुछ लोगों को चुनकर पौलुस और बरनाबास के साथ अन्ताकिया भेजा जाये। सो उन्होंने बरसब्बा कहे जाने वाले यहूदा और सिलास को चुन लिया। वे भाइयों में सर्व प्रमुख थे।
यहूदा और सिलास ने, जो स्वयं ही दोनों नबी थे, भाईयों के सामने उन्हें उत्साहित करते हुए और दृढ़ता प्रदान करते हुए, एक लम्बा प्रवचन किया।
पौलुस तिमुथियुस को यात्रा पर अपने साथ ले जाना चाहता था। सो उसे उसने साथ ले लिया और उन स्थानों पर रहने वाले यहूदियों के कारण उसका ख़तना किया; क्योंकि वे सभी जानते थे कि उसका पिता एक यूनानी था।
फिर तुरन्त रातों रात भाइयों ने पौलुस और सिलास को बिरिया भेज दिया। वहाँ पहुँच कर वे यहूदी, आराधनालय में गये।
परिणामस्वरुप बहुत से यहूदियों और महत्वपूर्ण यूनानी स्त्री-पुरुषों ने भी विश्वास ग्रहण किया।
इसलिए तभी भाइयों ने तुरन्त पौलुस को सागर तट पर जाने को भेज दिया। किन्तु सिलास और तिमुथियुस वहीं ठहरे रहे।
इसलिए हर दिन वह यहूदी आराधनालय में यहूदियों और यूनानी भक्तों से वाद-विवाद करता रहता था। वहाँ हाट-बाजार में जो कोई होता वह उससे भी हर दिन बहस करता रहता।
कुछ लोगों ने विश्वास ग्रहण कर लिया और उसके साथ हो लिये। इनमें अरियुपगुस का सदस्य दियुनुसियुस और दमरिस नामक एक महिला तथा उनके साथ के और लोग भी थे।
हर सब्त के दिन वह यहूदी आराधनालयों में तर्क-वितर्क करके यहूदियों और यूनानियों को समझाने बुझाने का जतन करता।
दो साल तक ऐसा ही होता रहा। इसका परिणाम यह हुआ कि सभी एशिया निवासी यहूदियों और ग़ैर यहूदियों ने प्रभु का वचन सुन लिया।
फिर वे चिल्ला कर बोले, “इस्राएल के लोगो सहायता करो। यह वही व्यक्ति है जो हर कहीं हमारी जनता के, हमारी व्यवस्था के और हमारे इस स्थान के विरोध में लोगों को सिखाता फिरता है। और अब तो यह विधर्मियों को मन्दिर में ले आया है। और इसने इस प्रकार इस पवित्र स्थान को ही भ्रष्ट कर दिया है।”
जब उन्हें छोड़ दिया गया तो वे अपने ही लोगों के पास आ गये और उनसे जो कुछ प्रमुख याजकों और बुजुर्ग यहूदी नेताओं ने कहा था, वह सब उन्हें कह सुनाया।
उनसे जैसी हमें आशा थी, वैसे नहीं बल्कि पहले अपने आप को प्रभु को समर्पित किया और फिर परमेश्वर की इच्छा के अनुकूल वे हमें अर्पित हो गये।