“जो तुम्हें अपनाता है, वह मुझे अपनाता है और जो मुझे अपनाता है, वह उस परमेश्वर को अपनाता है, जिसने मुझे भेजा है।
प्रेरितों के काम 15:4 - पवित्र बाइबल फिर जब वे यरूशलेम पहुँचे तो कलीसिया ने, प्रेरितों ने और बुजुर्गों ने उनका स्वागत सत्कार किया। और उन्होंने उनके साथ परमेश्वर ने जो कुछ किया था, वह सब कुछ उन्हें कह सुनाया। Hindi Holy Bible जब यरूशलेम में पहुंचे, तो कलीसिया और प्रेरित और प्राचीन उन से आनन्द के साथ मिले, और उन्होंने बताया कि परमेश्वर ने उन के साथ होकर कैसे कैसे काम किए थे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब वे यरूशलेम पहुँचे, तो कलीसिया ने, प्रेरितों ने तथा धर्मवृद्धों ने भी उनका स्वागत किया। पौलुस और बरनबास ने बताया कि परमेश्वर ने उनके द्वारा क्या-क्या कार्य किये। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब वे यरूशलेम पहुँचे, तो कलीसिया और प्रेरित और प्राचीन उनसे आनन्द के साथ मिले, और उन्होंने बताया कि परमेश्वर ने उनके साथ होकर कैसे–कैसे काम किए थे। नवीन हिंदी बाइबल जब वे यरूशलेम में पहुँचे तो कलीसिया और प्रेरितों और प्रवरों द्वारा उनका स्वागत किया गया। तब उन्होंने वह सब बताया जो परमेश्वर ने उनके साथ किया था। सरल हिन्दी बाइबल उनके येरूशलेम पहुंचने पर कलीसिया, प्रेरितों तथा पुरनियों ने उनका स्वागत किया. पौलॉस और बारनबास ने उन्हें उन सभी कामों का विवरण दिया, जो परमेश्वर ने उनके माध्यम से किए थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब वे यरूशलेम में पहुँचे, तो कलीसिया और प्रेरित और प्राचीन उनसे आनन्द के साथ मिले, और उन्होंने बताया कि परमेश्वर ने उनके साथ होकर कैसे-कैसे काम किए थे। |
“जो तुम्हें अपनाता है, वह मुझे अपनाता है और जो मुझे अपनाता है, वह उस परमेश्वर को अपनाता है, जिसने मुझे भेजा है।
सो उन्होंने ऐसा ही किया और उन्होंने बरनाबास और शाऊल के हाथों अपने बुजुर्गों के पास अपने उपहार भेजे।
सो जब वे पहुँचे तो उन्होंने कलीसिया के लोगों को इकट्ठा किया और परमेश्वर ने उनके साथ जो कुछ किया था, उसका विवरण कह सुनाया। और उन्होंने घोषणा की कि परमेश्वर ने विधर्मियों के लिये भी विश्वास का द्वार खोल दिया है।
इस पर समूचा दल चुप हो गया और बरनाबास तथा पौलुस को सुनने लगा। वे, ग़ैर यहूदियों के बीच परमेश्वर ने उनके द्वारा दो अद्भुत चिन्ह प्रकट किए और आश्चर्य कर्म किये थे, उनका विवरण दे रहे थे।
पौलुस और बरनाबास उनसे सहमत नहीं थे, सो उनमें एक बड़ा विवाद उठ खड़ा हुआ। सो पौलुस बरनाबास तथा उनके कुछ और साथियों को इस समस्या के समाधान के लिये प्रेरितों और मुखियाओं के पास यरूशलेम भेजने का निश्चय किया गया।
फिर प्रेरितों और बुजुर्गों ने समूचे कलीसिया के साथ यह निश्चय किया कि उन्हीं में से कुछ लोगों को चुनकर पौलुस और बरनाबास के साथ अन्ताकिया भेजा जाये। सो उन्होंने बरसब्बा कहे जाने वाले यहूदा और सिलास को चुन लिया। वे भाइयों में सर्व प्रमुख थे।
वे कलीसिया के द्वारा भेजे जाकर फीनीके और सामरिया होते हुए सभी भाइयों को अधर्मियों के हृदय परिवर्तन का विस्तार के साथ समाचार सुनाकर उन्हें हर्षित कर रहे थे।
नगरों से यात्रा करते हुए उन्होंने वहाँ के लोगों को उन नियमों के बारे में बताया जिन्हें यरूशलेम में प्रेरितों और बुजुर्गो ने निश्चित किया था।
सो जब उसने अखाया को जाना चाहा तो भाइयों ने उसका साहस बढ़ाया और वहाँ के अनुयायिओं को उसका स्वागत करने को लिख भेजा। जब वह वहाँ पहुँचा तो उनके लिये बड़ा सहायक सिद्ध हुआ जिन्होंने परमेश्वर के अनुग्रह से विश्वास ग्रहण कर लिया था।
पौलुस ने उनका स्वागत सत्कार किया और उन सब कामों के बारे में जो परमेश्वर ने उसके द्वारा विधर्मियों के बीच कराये थे, एक एक करके कह सुनाया।
क्योंकि मैं बस उन्हीं बातों को कहने का साहस रखता हूँ जिन्हें मसीह ने ग़ैर यहूदियों को परमेश्वर की आज्ञा मानने का रास्ता दिखाने का काम मेरे वचनों, मेरे कर्मों,
किन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से मैं वैसा बना हूँ जैसा आज हूँ। मुझ पर उसका अनुग्रह बेकार नहीं गया। मैंने तो उन सब से बढ़ चढ़कर परिश्रम किया है। (यद्यपि वह परिश्रम करने वाला मैं नहीं था, बल्कि परमेश्वर का वह अनुग्रह था जो मेरे साथ रहता था।)
हमारा संदेश है कि परमेश्वर लोगों के पापों की अनदेखी करते हुए मसीह के द्वारा उन्हें अपने में मिला रहा है और उसी ने मनुष्य को परमेश्वर से मिलाने का संदेश हमें सौंपा है।
परमेश्वर के कार्य में साथ-साथ काम करने के नाते हम तुम लोगों से आग्रह करते हैं कि परमेश्वर का जो अनुग्रह तुम्हें मिला है, उसे व्यर्थ मत जाने दो।
अरिस्तरखुस का जो बन्दीगृह में मेरे साथ रहा है तथा बरनाबास के बन्धु मरकुस का तुम्हें नमस्कार, (उसके विषय में तुम निर्देश पा ही चुके हो कि यदि वह तुम्हारे पास आये तो उसका स्वागत करना),
यदि कोई तुम्हारे पास आकर इस उपदेश को नहीं देता है तो अपने घर उसका आदर सत्कार मत करो तथा उसके स्वागत में नमस्कार भी मत करो।