“तू था बहुत सहनशील, साथ हमारे पूर्वजों के, तूने उन्हें करने दिया बर्ताव बुरा अपने साथ बरसों तक। सजग किया तूने उन्हें अपनी आत्मा से। उनको देने चेतावनी भेजा था नबियों को तूने। किन्तु हमारे पूर्वजों ने तो उनकी सुनी ही नहीं। इसलिए तूने था दूसरे देशों के लोगों को सौंप दिया उनको।
लोगों ने चालीस वर्ष तक मन्ना खाया। वे मन्ना तब तक खाते रहे जब तक उस प्रदेश में नहीं आ गए जहाँ उन्हें बसना था। वे उसे तब तक खाते रहे जब तक वे कनान के निकट नहीं आ गए।
उन लोगों में से कोई भी व्यक्ति जिसे मैं मिस्र से बाहर लाया, उस देश को कभी नहीं देखेगा। उन लोगों ने मिस्र में मेरे तेज और मेरे महान संकेतो को देखा है और उन लोगों ने उन महान कार्यों को देखा जो मैंने मरुभूमि में किए। किन्तु उन्होंने मेरी आज्ञा का उल्लंघन किया और दस बार मेरी परीक्षा ली।
मरुभूमि में जाते देखा। तुमने देखा कि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें वैसे ले आया जैसे कोई व्यक्ति अपने पुत्र को लाता है। यहोवा न पूरे रास्ते तुम लोगों की रक्षा करते हुए तुम्हें यहाँ पहुँचाया है।’
“यह मत भूलो कि तुमने यहोवा अपने परमेश्वर को मरुभूमि में क्रोधित किया! तुमने उसी दिन से जिस दिन से मिस्र से बाहर निकले और इस स्थान पर आने के दिन तक यहोवा के आदेश को मानने से इन्कार किया है।