भाईयों ने उससे कहा, “पिताजी यूसुफ अभी जीवित है और वह पूरे मिस्र देश का प्रशासक है।” उनका पिता चकित हुआ। उसने उन पर विश्वास नहीं किया।
प्रेरितों के काम 12:9 - पवित्र बाइबल फिर उसके पीछे-पीछे पतरस बाहर निकल आया। वह समझ नहीं पाया कि स्वर्गदूत जो कुछ कर रहा था, वह यथार्थ था। उसने सोचा कि वह कोई दर्शन देख रहा है। Hindi Holy Bible वह निकलकर उसके पीछे हो लिया; परन्तु यह न जानता था, कि जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है, वह सचमुच है, वरन यह समझा, कि मैं दर्शन देख रहा हूं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पतरस उसके पीछे-पीछे बाहर निकल गये। वह नहीं जानते थे कि जो कुछ दूत द्वारा हो रहा है, वह वास्तविक है। उन्होंने सोचा कि मैं स्वप्न देख रहा हूँ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह निकलकर उसके पीछे हो लिया; परन्तु यह न जानता था कि जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है वह सच है, वरन् यह समझा कि मैं दर्शन देख रहा हूँ। नवीन हिंदी बाइबल वह बाहर निकलकर उसके पीछे चल दिया, और वह नहीं जानता था कि जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है वह सच है, परंतु उसने सोचा कि वह कोई दर्शन देख रहा है। सरल हिन्दी बाइबल पेतरॉस उसके पीछे कारागार से बाहर आ गए किंतु वह यह समझ नहीं पा रहे थे कि जो कुछ स्वर्गदूत द्वारा किया जा रहा था, वह सच्चाई थी या सिर्फ़ सपना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह निकलकर उसके पीछे हो लिया; परन्तु यह न जानता था कि जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है, वह सच है, बल्कि यह समझा कि मैं दर्शन देख रहा हूँ। |
भाईयों ने उससे कहा, “पिताजी यूसुफ अभी जीवित है और वह पूरे मिस्र देश का प्रशासक है।” उनका पिता चकित हुआ। उसने उन पर विश्वास नहीं किया।
पतरस ने जिस दृश्य को दर्शन में देखा था, उस पर वह अभी चक्कर में ही पड़ा हुआ था कि कुरनेलियुस के भेजे वे लोग दरवाजे पर खड़े पूछ रहे थे कि शमौन का घर कहाँ है?
दिन के नवें पहर के आसपास उसने एक दर्शन में स्पष्ट रूप से देखा कि परमेश्वर का एक स्वर्गदूत उसके पास आया है और उससे कह रहा है, “कुरनेलियुस।”
“मैंने याफा नगर में प्रार्थना करते हुए समाधि में एक दृश्य देखा। मैंने देखा कि एक बड़ी चादर जैसी कोई वस्तु नीचे उतर रही है, उसे चारों कोनों से पकड़ कर आकाश से धरती पर उतारा जा रहा है। फिर वह उतर कर मेरे पास आ गयी।
तभी स्वर्गदूत ने उसे आदेश दिया, “तैयार हो और अपनी चप्पल पहन ले।” सो पतरस ने वैसा ही किया। स्वर्गदूत ने उससे फिर कहा, “अपना चोगा पहन ले और मेरे पीछे चला आ।”
दमिश्क में हनन्याह नाम का एक शिष्य था। प्रभु ने दर्शन देकर उससे कहा, “हनन्याह।” सो वह बोला, “प्रभु, मैं यह रहा।”
विश्वास के कारण ही, जब इब्राहीम को ऐसे स्थान पर जाने के लिए बुलाया गया था, जिसे बाद में उत्तराधिकार के रूप में उसे पाना था, यद्यपि वह यह जानता तक नहीं था कि वह कहाँ जा रहा है, फिर भी उसने आज्ञा मानी और वह चला गया।