प्रकाशितवाक्य 7:11 - पवित्र बाइबल सभी स्वर्गदूत सिंहासन प्राचीनों और उन चारों प्राणियों को घेरे खड़े थे। सिंहासन के सामने दण्डवत प्रणाम करके इन स्वर्गदूतों ने परमेश्वर की उपासना की। Hindi Holy Bible और सारे स्वर्गदूत, उस सिंहासन और प्राचीनों और चारों प्राणियों के चारों ओर खड़े हैं, फिर वे सिंहासन के साम्हने मुंह के बल गिर पड़े; और परमेश्वर को दण्डवत् कर के कहा, आमीन। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब सिंहासन, धर्मवृद्धों और चार प्राणियों के चारों ओर सब स्वर्गदूत खड़े हो गये। वे सब-के-सब सिंहासन के सामने मुँह के बल गिर पड़े और उन्होंने यह कहते हुए परमेश्वर की आराधना की : पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और सारे स्वर्गदूत उस सिंहासन और प्राचीनों और चारों प्राणियों के चारों ओर खड़े हैं; फिर वे सिंहासन के सामने मुँह के बल गिर पड़े और परमेश्वर को दण्डवत् कर के कहा, नवीन हिंदी बाइबल तब सारे स्वर्गदूत जो उस सिंहासन, प्रवरों और चारों प्राणियों के चारों ओर खड़े थे, सिंहासन के सामने मुँह के बल गिर पड़े, और परमेश्वर को दंडवत् करके कहने लगे : सरल हिन्दी बाइबल सिंहासन, पुरनियों तथा चारों प्राणियों के चारों ओर सभी स्वर्गदूत खड़े हुए थे. उन्होंने सिंहासन की ओर मुख करके दंडवत होकर परमेश्वर की वंदना की. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और सारे स्वर्गदूत, उस सिंहासन और प्राचीनों और चारों प्राणियों के चारों ओर खड़े हैं, फिर वे सिंहासन के सामने मुँह के बल गिर पड़े और परमेश्वर को दण्डवत् करके कहा, |
लोग उनकी मूर्तियों की पूजा करते हैं। वे अपने “देवताओं” की डींग हाँकते हैं। लेकिन वे लोग लज्जित होंगे। उनके “देवता” यहोवा के सामने झुकेंगे और उपासना करेंगे।
फिर यीशु ने उससे कहा, “शैतान, दूर हो! शास्त्र कहता है: ‘अपने प्रभु परमेश्वर की उपासना कर और केवल उसी की सेवा कर!’”
जिससे सभी लोग पुत्र का आदर वैसे ही करें जैसे वे पिता का करते हैं। जो व्यक्ति पुत्र का आदर नहीं करता वह उस पिता का भी आदर नहीं करता जिसने उसे भेजा है।
और फिर वह जब अपनी प्रथम एवं महत्त्वपूर्ण संतान को संसार में भेजता है तो कहता है, “परमेश्वर के सब स्वर्गदूत उसकी उपासना करें।”
और तभी परमेश्वर के सामने अपने-अपने सिंहासनों पर विराजमान चौबीसों प्राचीनों ने दण्डवत प्रणाम करके परमेश्वर की उपासना की।
हे प्रभु, तुझसे सब लोग सदा भयभीत रहेंगे। तेरा नाम लेकर सब जन स्तुति करेंगे, क्योंकि तू मात्र ही पवित्र है। सभी जातियाँ तेरे सम्मुख उपस्थित हुई तेरी उपासना करें। क्योंकि तेरे कार्य प्रकट हैं, हे प्रभु तू जो करता वही न्याय है।”
उसने मुझसे कहा, “सावधान, तू ऐसा मत कर। क्योंकि मैं तो तेरा, तेरे बंधु नबियों का जो इस पुस्तक में लिखे वचनों का पालन करते हैं, एक सह-सेवक हूँ। बस परमेश्वर की ही उपासना कर।”
वे चौबीसों प्राचीन उसके चरणों में गिरकर, उस सदा सर्वदा जीवित रहने वाले की उपासना करते हैं। वे सिंहासन के सामने अपने मुकुट डाल देते हैं और कहते हैं:
उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन और थे, जिन पर चौबीस प्राचीन बैठे हुए थे। उन्होंने श्वेत वस्त्र पहने थे। उनके सिर पर सोने के मुकुट थे।
सिंहासन के सामने पारदर्शी काँच का स्फटिक सागर सा फैला था। सिंहासन के ठीक सामने तथा उसके दोनों ओर चार प्राणी थे। उनके आगे और पीछे आँखें ही आँखें थीं।
इन चारों ही प्राणियों के छह छह पंख थे। उनके चारों ओर तथा भीतर आँखें ही आँखें भरी पड़ीं थीं। दिन रात वे निरन्तर कहते रहते थे: “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर पवित्र है, पवित्र है, पवित्र है, जो था, जो है और जो आनेवाला है।”