यहूदा उस शेर की तरह है जिसने किसी जानवर को मारा हो। हे मेरे पुत्र, तुम अपने शिकार पर खड़े शेर के समान हो जो आराम करने के लिए लेटता है, और कोई इतना बहादुर नहीं कि उसे छेड़ दे।
प्रकाशितवाक्य 4:7 - पवित्र बाइबल पहला प्राणी सिंह के समान था, दूसरा प्राणी बैल के जैसा था, तीसरे प्राणी का मुख मनुष्य के जैसा था और चौथा प्राणी उड़ते हुए गरूड़ जैसा था। Hindi Holy Bible पहिला प्राणी सिंह के समान है, और दूसरा प्राणी का मुंह बछड़े के समान है, तीसरे प्राणी का मुंह मनुष्य का सा है, और चौथा प्राणी उड़ते हुए उकाब के समान है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पहला प्राणी सिंह के सदृश है ओर दूसरा प्राणी सांड़ के सदृश। तीसरे प्राणी का चेहरा मनुष्य-जैसा है और चौथा प्राणी उड़ने वाले गरुड़ के सदृश है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पहला प्राणी सिंह के समान है, और दूसरा प्राणी बछड़े के समान है, तीसरे प्राणी का मुँह मनुष्य का सा है, और चौथा प्राणी उड़ते हुए उकाब के समान है। नवीन हिंदी बाइबल पहला प्राणी सिंह के समान, दूसरा प्राणी बछड़े के समान, तीसरे प्राणी का मुख मनुष्य के समान, और चौथा प्राणी उड़ते हुए उकाब के समान था। सरल हिन्दी बाइबल पहला प्राणी सिंह के समान, दूसरा प्राणी बैल के समान, तीसरे प्राणी का मुंह मनुष्य के समान तथा चौथा प्राणी उड़ते हुए गरुड़ के समान था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पहला प्राणी सिंह के समान है, और दूसरा प्राणी बछड़े के समान है, तीसरे प्राणी का मुँह मनुष्य के समान है, और चौथा प्राणी उड़ते हुए उकाब के समान है। (यहे. 1:10, यहे. 10:14) |
यहूदा उस शेर की तरह है जिसने किसी जानवर को मारा हो। हे मेरे पुत्र, तुम अपने शिकार पर खड़े शेर के समान हो जो आराम करने के लिए लेटता है, और कोई इतना बहादुर नहीं कि उसे छेड़ दे।
“शाऊल और योनातन, एक दूसरे से प्रेम करते थे। वे एक दूसरे से सुखी रहे जब तक वे जीवित रहे, शाऊल योनातन मृत्यु में भी साथ रहे! वे उकाब से तेज भी जाते थे, वे सिंह से अधिक शक्तिशाली थे।
देश में जब अराजकता उभर आती है बहुत से शासक बन बैठते हैं। किन्तु जो समझता है और ज्ञानी होता है, ऐसा मनुष्य ही व्यवस्था स्थिर करता है।
किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं। जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं। ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं। ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।
हर एक प्राणी के चार मुख थे। सामने की ओर उनका चेहरा मनुष्य का था। दायीं ओर सिंह का चेहरा था। बांयी ओर बैल का चेहरा था और पीछे की ओर उकाब का चेहरा था।
उनके पंखों के नीचे मानवी हाथ थे। वहाँ चार प्राणी थे और हर एक प्राणी के चार मुख और चार पंख थे।
हर एक करुब (स्वर्गदूत) चार मुखों वाला था। पहला मुख करुब का था। दूसरा मुख मनुष्य का था। तीसरा सिंह का मुख था और चौथा उकाब का मुख था। तब मैंने जाना कि (ये करुब स्वर्गदूत वे जानवर थे जिन्हें मैंने कबार नदी के दर्शन में देखा था!) तब करुब (स्वर्गदूत) हवा में उठे।
हर एक प्राणी के चार मुख थे, चार पंख थे और पंखों के नीचे कुछ ऐसा था जो मनुष्य की भुजाओं की तरह दिखता था।
“उनमें से पहला पशु सिंह के समान दिखाई दे रहा था और उस सिंह के उकाब के जैसे पंख थे। मैंने उस पशु को देखा। फिर मैंने देखा कि उसके पंख उखाड़ फेंके गये हैं। धरती पर से उस पशु को इस प्रकार उठाया गया जिससे वह किसी मनुष्य के समान अपने दो पैरों पर खड़ा हो गया। इस सिंह को मनुष्य का सा दिमाग दे दिया गया था।
परमेश्वर यहोवा यह कहता है: “यद्यपि तुम उकाब की तरह ऊपर उड़ो, और अपना घोंसला तारों के बीच बना लो, तो भी मैं तुम्हें वहाँ से नीचे उतारूँगा।”
वे लोग सिंह की तरह शक्तिशाली होंगे। वे सिंह जैसे लड़ेंगे और यह सिंह कभी विश्राम नहीं करेगा, जब तक वह शत्रु को खा नहीं डालता, और वह सिंह कभी विश्राम नहीं करेगा जब तक वह उनका रक्त नहीं पीता जो उसके विरुद्ध हैं।”
वे उस सिंह की तरह है जो सो रहा हों। कोई व्यक्ति इतना साहसी नहीं जो उसे जगा दे! कोई व्यक्ति जो तुम्हें आशीर्वाद देगा, आशीष पाएगा, और कोई व्यक्ति जो तुम्हारे विरुद्ध बोलेगा विपत्ति में पड़ेगा।”
हे भाईयों, अपने विचारों में बचकाने मत रहो बल्कि बुराइयों के विषय में अबोध बच्चे जैसे बने रहो। किन्तु अपने चिन्तन में सयाने बनो।
“यहोवा तुम्हारे विरुद्ध बहुत दूर से एक राष्ट्र को लाएगा। यह राष्ट्र पृथ्वी की दूसरी ओर से आएगा। यह राष्ट्र तुम्हारे ऊपर आकाश से उतरते उकाब की तरह शीघ्रता से आक्रमण करेगा। तुम इस राष्ट्र की भाषा नहीं समझोगे।
सिंहासन के सामने पारदर्शी काँच का स्फटिक सागर सा फैला था। सिंहासन के ठीक सामने तथा उसके दोनों ओर चार प्राणी थे। उनके आगे और पीछे आँखें ही आँखें थीं।
जब मेमने ने दूसरी मुहर तोड़ी तो मैंने दूसरे प्राणी को कहते सुना, “आ!” इस पर अग्नि के समान लाल रंग का
मेमने ने जब तीसरी मुहर तोड़ी तो मैंने तीसरे प्राणी को कहते सुना, “आ!” जब मैंने दृष्टि उठायी तो वहाँ मेरे सामने एक काला घोड़ा खड़ा था। उस पर बैठे सवार के हाथ में एक तराजू थी।