न्यायियों 1:28 - पवित्र बाइबल बाद में इस्राएल के लोग अधिक शक्तिशाली हुए और कनानी लोगों को दासों की तरह अपने लिए काम करने के लिये विवश किया। किन्तु इस्राएल के लोग सभी कनानी लोगों से उनका प्रदेश न छुड़वा सके। Hindi Holy Bible परन्तु जब इस्राएली सामर्थी हुए, तब उन्होंने कनानियों से बेगारी ली, परन्तु उन्हें पूरी रीति से न निकाला॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब इस्राएली राष्ट्र शक्तिशाली हो गया तब वे कनानी लोगों से बेगार करवाने लगे। फिर भी उन्होंने उन्हें पूर्णत: वहाँ से नहीं निकाला। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु जब इस्राएली सामर्थी हुए, तब उन्होंने कनानियों से बेगारी ली, परन्तु उन्हें पूरी रीति से न निकाला। सरल हिन्दी बाइबल तब वह समय भी आया, जब इस्राएली सामर्थ्यी हो गए. तब उन्होंने कनानियों को जबरन मजदूरी पर तो लगा दिया और उन्हें पूरी रीति से न निकाला. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु जब इस्राएली सामर्थी हुए, तब उन्होंने कनानियों से बेगारी ली, परन्तु उन्हें पूरी रीति से न निकाला। |
इस्राएली उन लोगों को नष्ट नहीं कर सके थे। किन्तु सुलैमान ने उन्हें दास के रूप में अपने लिये काम करने को विवश किया। वे अभी तक दास हैं।
यदि वे तुम्हारा प्रस्ताव स्वीकार करते हैं और अपने फाटक खोल देते हैं तब उस नगर में रहने वाले सभी लोग तुम्हारे दास हो जाएँगे और तुम्हारा काम करने के लिए विवश किये जाएँगे।
किन्तु इस्राएल के लोग शक्तिशाली हुए। जब ऐसा हुआ तो उन्होंने कनानके लोगों को काम करने के लिये विवश किया। किन्तु वे कनानी लोगों को उस भूमि को छोड़ने के लिए विवश न कर सके।
कनानी लोग बेतशान, तानाक, दोर, यिबलाम, मगिद्दो और उनके चारों ओर के छोटे नगरों में रहते थे। मनश्शे के परिवार समूह के लोग उन लोगों को उन नगरों को छोड़ने के लिये विवश नहीं कर सके थे। इसलिए कनानी लोग वहाँ टिके रहे। उन्होने अपना घर छोड़ने से इन्कार कर दिया।
यही बात एप्रैम के परिवार समूह के साथ हुई। कनानी लोग गेजेर में रहते थे और एप्रैम के लोग सभी कनानी लोगों से उनका देश न छुड़वा सके। इसलिए कनानी लोग एप्रैम के लोगों के साथ गेजेर में रहते चले आए।
किन्तु शाऊल ने उस दिन एक बड़ी गलती की। इस्राएली भूखे और थके थे। यह इसलिए हुआ कि शाऊल ने लोगों को यह प्रतिज्ञा करने को विवश कियाः शाऊल ने कहा, “यदि कोई व्यक्ति सन्ध्या होने से पहले भोजन करता है अथवा मेरे द्वारा शत्रु को पराजित करने के पहले भोजन करता है तो वह व्यक्ति दण्डित किया जाएगा!” इसलिए किसी भी इस्राएली सैनिक ने भोजन नहीं किया।