नीतिवचन 7:12 - पवित्र बाइबल वह कभी—कभी गलियों में, कभी चौराहों पर, और हर किसी नुक्कड़ पर घात लगाती थी। Hindi Holy Bible कभी वह सड़क में, कभी चौक में पाई जाती थी, और एक एक कोने पर वह बाट जोहती थी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह कभी गली में, और कभी बाजार में दिखाई देती थी। वह हर मोड़ पर घात लगाकर शिकार की तलाश में बैठती थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कभी वह सड़क में, कभी चौक में पाई जाती थी, और एक एक कोने पर वह बाट जोहती थी। नवीन हिंदी बाइबल वह कभी गली में, तो कभी चौक में दिखाई देती थी; वह हर मोड़ पर शिकार के लिए घात लगाती थी। सरल हिन्दी बाइबल वह कभी सड़क पर दिखती थी तो कभी नगर चौक में, वह प्रतीक्षा करती हुई किसी भी चौराहे पर देखी जा सकती थी.) इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कभी वह सड़क में, कभी चौक में पाई जाती थी, और एक-एक कोने पर वह बाट जोहती थी। |
वह उसी गली से होकर, उसी कुलटा के नुक्कड़ के पास से जा रहा था। वह उसके ही घर की तरफ बढ़ता जा रहा था।
“यहूदा बहुत पहले तुमने अपना जुआ फेंक दिया था। तुमने वह रस्सियाँ तोड़ फेंकी जिसे मैं तुम्हें अपने पास रखने में काम में लाता था। तुमने मुझसे कहा, ‘मै आपकी सेवा नहीं करूँगा!’ सच्चाई यह है कि तुम वेश्या की तरह हर एक ऊँची पहाड़ी पर और हर एक हरे पेड़ के नीचे लेटे और काम किये।
“यहूदा, तुम सचमुच प्रेमियों (झूठे देवताओं) के पीछे पड़ना जानते हो। अत: तुमने पाप करना स्वयं ही सीख लिया है।
तुम्हारे लिये इरादे को बदलना बहुत आसान हैं। अश्शूर ने तुम्हें हताश किया! अत: तुमने अश्शूर को छोड़ा और सहायता के लिये मिस्र पहुँचे। मिस्र तुम्हें हताश करेगा।
“यहूदा, खाली पहाड़ी की चोटी को देखो। क्या कोई ऐसी जगह है जहाँ तुम्हारा अपने प्रेमियों (असत्य देवताओं) के साथ शारीरिक सम्बन्ध न चला तुम सड़क के किनारे प्रेमियों की प्रतीक्षा करती बैठी हो। तुम वहाँ मरुभूमि में प्रतीक्षा करते अरब की तरह बैठी। तुमने देश को गन्दा किया है! कैसे तुमने बहुत से बुरे काम किये और तुम मेरी अभक्त रही।
“तुमने अपने टीले हर एक सड़क के छोर पर बनाए और तुमने अपनी पूजा के स्थान हर सड़क की मोड़ पर बनाए। और कमाई को तुच्छ जाना। इसलिए तू वेश्या भी न रही।
दीप की किंचित किरण तुझमें कभी भी न चमकेगी, अब तुझमें किसी वर की किसी वधु की मधुर ध्वनि कभी न गुँजेगी। तेरे व्यापारी जगत के महामनुज थे तेरे जादू ने सब जातों को भरमाया।
क्योंकि उसने सब जनों को व्यभिचार के क्रोध की मदिरा पिलायी थी। इस जगत के शासकों ने जो स्वयं जगाई थी उससे व्यभिचार किया था। और उसके भोग व्यय से जगत के व्यापारी सम्पन्न बने थे।”