नीतिवचन 22:4 - पवित्र बाइबल जब व्यक्ति विनम्र होता है यहोवा का भय धन दौलत, आदर और जीवन उपजता है। Hindi Holy Bible नम्रता और यहोवा के भय मानने का फल धन, महिमा और जीवन होता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो मनुष्य नम्र है, और प्रभु की भक्ति करता है, उसको प्रतिफल में मिलता है: धन, सम्मान और दीर्घ जीवन। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) नम्रता और यहोवा के भय मानने का फल धन, महिमा और जीवन होता है। नवीन हिंदी बाइबल नम्रता का और यहोवा का भय मानने का प्रतिफल धन, सम्मान और जीवन हैं। सरल हिन्दी बाइबल विनम्रता तथा याहवेह के प्रति श्रद्धा का प्रतिफल होता है; धन संपदा, सम्मान और जीवन. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 नम्रता और यहोवा के भय मानने का फल धन, महिमा और जीवन होता है। |
विवेकी के घर में मन चीते भोजन और प्रचुर तेल के भंडार भरे होते हैं किन्तु मूर्ख व्यक्ति जो उसके पास होता है, सब चट कर जाता है।
कुशल जन जब किसी विपत्ति को देखता है, उससे बचने के लिये इधर उधर हो जाता किन्तु मूर्ख उसी राह पर बढ़ता ही जाता है। और वह इसके लिये दुःख ही उठाता है।
कुटिल की राहें काँटों से भरी होती है और वहाँ पर फंदे फैले होते हैं; किन्तु जो निज आत्मा की रक्षा करता है वह तो उनसे दूर ही रहता है।
मिथ्या आकर्षण और सुन्दरता दो पल की है, किन्तु वह स्त्री जिसे यहोवा का भय है, प्रशंसा पायेगी।
हे यरूशलेम, तू सम्पन्न है। तू परमेश्वर के ज्ञान और विवेक से सम्पन्न है। तू मुक्ति से भरपूर है। तू यहोवा का आदर करता है और वही आदर तुझे सम्पन्न बनाता है। इसीलिए तू जान सकता है कि तू सदा बना रहेगा।
वह जो ऊँचा है और जिसको ऊपर उठाया गया है, वह जो अमर है, वह जिसका नाम पवित्र है, वह यह कहता है, “एक ऊँचे और पवित्र स्थान पर रहा करता हूँ, किन्तु मैं उन लोगों के बीच भी रहता हूँ जो दु:खी और विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो हृदय से दु:खी हैं।
सो, उस अवसर, पर परमेश्वर ने मुझे मेरी बुद्धि फिर दे दी और उसने एक राजा के रूप में मेरा बड़ा मान, सम्मान और शक्ति भी वापस लौटा दी। मेरे मन्त्री और मेरे राजकीय लोग फिर मेरे पास आने लगे। मैं फिर से राजा बन गया। मैं पहले से भी अधिक महान और शक्तिशाली हो गया था
इसलिये सबसे पहले परमेश्वर के राज्य और तुमसे जो धर्म भावना वह चाहता है, उसकी चिंता करो। तो ये सब वस्तुएँ तुम्हें दे दी जायेंगी।
क्योंकि शारीरिक साधना से तो थोड़ा सा ही लाभ होता है जबकि परमेश्वर की सेवा हर प्रकार से मूल्यवान है क्योंकि इसमें आज के समय और आने वाले जीवन के लिए दिया गया आशीर्वाद समाया हुआ है।
किन्तु परमेश्वर ने हम पर अत्यधिक अनुग्रह दर्शाया है, इसलिए शास्त्र में कहा गया है, “परमेश्वर अभिमानियों का विरोधी है, जबकि दीन जनों पर अपनी अनुग्रह दर्शाता है।”