यहोवा मेरा परमेशवर, तूने मुझे अपने पिता के स्थान पर राजा होने दिया है। किन्तु मैं एक छोटे बालक के समान हूँ। मेरे पास, मुझे जो करना चाहिए उसे करने के लिये बुद्ध नहीं है।
नीतिवचन 18:12 - पवित्र बाइबल पतन से पहले मन अहंकारी बन जाता, किन्तु सम्मान से पूर्व विनम्रता आती है। Hindi Holy Bible नाश होने से पहिले मनुष्य के मन में घमण्ड, और महिमा पाने से पहिले नम्रता होती है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मनुष्य अपने विनाश के पूर्व घमण्डी हो जाता है; पर आदर पाने के लिए मनुष्य को पहले विनम्र बनना पड़ता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) नाश होने से पहले मनुष्य के मन में घमण्ड, और महिमा पाने से पहले नम्रता होती है। नवीन हिंदी बाइबल विनाश से पहले मनुष्य का हृदय घमंडी हो जाता है, परंतु सम्मान से पहले नम्रता आती है। सरल हिन्दी बाइबल इसके पूर्व कि किसी मनुष्य पर विनाश का प्रहार हो, उसका हृदय घमंडी हो जाता है, पर आदर मिलने के पहले मनुष्य नम्र होता है! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 नाश होने से पहले मनुष्य के मन में घमण्ड, और महिमा पाने से पहले नम्रता होती है। |
यहोवा मेरा परमेशवर, तूने मुझे अपने पिता के स्थान पर राजा होने दिया है। किन्तु मैं एक छोटे बालक के समान हूँ। मेरे पास, मुझे जो करना चाहिए उसे करने के लिये बुद्ध नहीं है।
“मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा से कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “‘तुम बहुत घमण्डी हो! और तुम कहते हो, “मैं परमेश्वर हूँ! मैं समुद्रों के मध्य में देवताओं के आसन पर बैठता हूँ।” “‘किन्तु तुम व्यक्ति हो, परमेश्वर नहीं! तुम केवल सोचते हो कि तुम परमेश्वर हो।
वह व्यक्ति तुमको मार डालेगा। क्या अब भी तुम कहोगे, “मैं परमेश्वर हूँ”? उस समय वह तुम्हें अपने अधिकार में करेगा। तुम समझ जाओगे कि तुम मनुष्य हो, परमेश्वर नहीं!
मिस्र खाली और नष्ट हो जाएगा। तब वे समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ।” परमेश्वर ने कहा, “मैं वे काम क्यों करूँगा क्योंकि तुमने कहा, ‘यह मेरी नदी है। मैंने इस नदी को बनाया।’
मैं परमेश्वर से प्रार्थना करते हुए ये बातें कर रहा था। मैं इस्राएल के लोगों के और अपने पापों के बारे में बता रहा था। मैं परमेश्वर के पवित्र पर्वत पर प्रार्थना कर रहा था।
जब तूने पहले प्रार्थना आरम्भ की थी, मुझे तभी आदेश दे दिया गया था और देख मैं तुझे बताने आ गया हूँ। परमेश्वर तुझे बहुत प्रेम करता है! यह आदेश तेरी समझ में आ जायेगा और तू उस दर्शन का अर्थ जान लेगा।
क्योंकि हर कोई जो अपने आपको उठायेगा, उसे नीचा किया जायेगा और जो अपने आपको नीचा बनाएगा, उसे उठाया जायेगा।”
इसी प्रकार हे नव युवकों! तुम अपने धर्मवृद्धों के अधीन रहो। तुम एक दूसरे के प्रति विनम्रता धारण करो, क्योंकि “परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है किन्तु दीन जनों पर सदा अनुग्रह रहता है।”