नीतिवचन 10:32 - पवित्र बाइबल धर्मी के अधर जो उचित है जानते हैं, किन्तु दुष्ट का मुख बस कुटिल बातें बोलता। Hindi Holy Bible धर्मी ग्रहणयोग्य बात समझ कर बोलता है, परन्तु दुष्टों के मुंह से उलट फेर की बातें निकलती हैं॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) धार्मिक मनुष्य समझ-बूझकर ग्रहणयोग्य बातें ही बोलता है, पर दुर्जन के ओंठों से कुटिल बातें ही निकलती हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) धर्मी ग्रहणयोग्य बात समझ कर बोलता है, परन्तु दुष्टों के मुँह से उलट फेर की बातें निकलती हैं। नवीन हिंदी बाइबल धर्मी जन ग्रहणयोग्य बातें करना जानता है, परंतु दुष्ट के मुँह से कुटिल बातें निकलती हैं। सरल हिन्दी बाइबल धर्मी में यह सहज बोध रहता है, कि उसका कौन सा उद्गार स्वीकार्य होगा, किंतु दुष्ट के शब्द कुटिल विषय ही बोलते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 धर्मी ग्रहणयोग्य बात समझकर बोलता है, परन्तु दुष्टों के मुँह से उलट-फेर की बातें निकलती हैं। |
उपदेशक ने उचित शब्दों के वचन के लिये कठिन परिश्रम किया और उसने उन शिक्षाओं को लिखा जो सच्ची है और जिन पर भरोसा किया जा सकता है।
इसलिये हे राजन, आप कृपा करके मेरी सलाह मानें। मैं आपको यह सलाह देता हूँ कि आप पाप करना छोड़ दें और जो उचित है, वही करें। कुकर्मो का त्याग कर दें। गरीबों पर दयालु हों। तभी आप सफल बने रह सकेंगे।”
ऐसी सद्वाणी का प्रयोग करो, जिसकी आलोचना न की जा सके ताकि तेरे विरोधी लज्जित हों क्योंकि उनके पास तेरे विरोध में बुरा कहने को कुछ नहीं होगा।